UP Electricity Rate: क्या सच में घाटे में चल रही हैं बिजली कंपनियां? रेट बढ़ाने के पीछे कहीं ये वजह तो नहीं
UP News: अवधेश वर्मा ने कहा, सपा सरकार में 5 साल में हर साल बिजली दर बढ़ी तो 5 साल में करीब 40 फीसदी बढ़ी, वर्तमान सरकार के पहले कार्यकाल में 2 बार में ही करीब 36 फीसद बढ़ोतरी हुई.
Uttar Pradesh News: यूपी में बिजली की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बिजली कंपनियों (UP Electricity Companies) पर निशाना साधा है. बता दें कि उपभोक्ता परिषद पहले ही इस मामले को लेकर नियामक आयोग में जानहित याचिका दाखिल कर चुका है. अवधेश वर्मा ने कहा कि बिजली कंपनी ने जो प्रस्ताव दाखिल किया है वह असंवैधानिक है. बिजली कंपनियों पर जनता का 25,133 करोड़ का सरप्लस निकल रहा है जो नियामक आयोग ने निकाला. उसके हिसाब से कानूनन बिजली कंपनियों को 35 फीसदी कमी का प्रस्ताव दाखिल करना चाहिए था, लेकिन इन्होंने दाम में (UP Electricity Rate) बेतहाशा वृद्धि का प्रस्ताव दाखिल किया है.
अवधेश वर्मा ने कहा कि, हमने इसे लेकर राज्य विद्युत नियामक आयोग में याचिका दाखिल की है कि बिजली दरें कम की जाएं. बिजली कंपनियों ने घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं की दरों में 18 से 23 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव दिया है. इसी तरह उद्योगों की बिजली दरों में 16 प्रतिशत, कृषि क्षेत्र की दरों में 10 से 12 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव है. घरेलू लाइफ लाइन को भी इन्होंने नहीं बख्शा. उनकी दरों मे भी 17 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव आयोग में दाखिल किया है.
उपभोक्ताओं को लूटने की तैयारी-वर्मा
अवधेश वर्मा ने कहा कि, बिजली कंपनी अगर कहती कि 3 साल से वृद्धि नहीं की तो ये बात आधारहीन है, क्योंकि 3 साल पहले ही उपभोक्ताओं का सरप्लस निकला था. नोएडा में जब बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का पैसा निकला हमने याचिका लगाई तो 10 परसेंट बिजली दर कम हो गई, लेकिन सवाल है कि प्रदेश में जो बिजली कंपनियां है वे 35 प्रतिशत क्यों नहीं कम कर रहीं हैं. ये प्रस्ताव बिजली कंपनियों की बड़े पैमाने पर उपभोक्ताओं को लूटने की तैयारी है.
नहीं चलने देंगे बैक डोर गेम-वर्मा
अवधेश वर्मा ने कहा कि, देखना होगा कि विद्युत नियामक आयोग इस पर छानबीन करके क्या फैसला लेता है. हम भी अपनी बात रखेंगे, सरकार से भी मांग करेंगे. सरकार जनता के वोट से बनती है तो उसका पैसा दिलाने की जिम्मेदारी भी सरकार की है, बैक डोर गेम नहीं चलने देंगे. बहुत जल्द प्रदेश के ऊर्जा मंत्री से मिलेंगे और मुख्यमंत्री तक भी बात पहुंचाएंगे.
पार्टियों पर लगाया ये आरोप
अवधेश वर्मा ने कहा कि, सपा सरकार में 5 साल में हर साल बिजली दर बढ़ी तो 5 साल में करीब 40 फीसदी बिजली दर बढ़ी, लेकिन वर्तमान सरकार के पहले कार्यकाल में 2 बार में ही करीब 36 फीसद बिजली बढ़ोतरी हुई. अगर इस बार यह प्रस्ताव स्वीकृत हुआ तो 10 साल का सब एक साथ बराबर हो जाएगा. उन्होंने आरोप लगाया कि जो भी राजनीतिक दल आते हैं वे लोगों के साथ नाइंसाफी पर उतारू हो जाते हैं. जब विपक्ष में होते हैं तो बड़ी-बड़ी बातें करते हैं.
मंजूर हुआ तो यूपी टॉप पर-वर्मा
अवधेश वर्मा ने कहा कि, बीजेपी ने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि लाइफलाइन घरेलू उपभोक्ता 100 यूनिट तक ₹3 यूनिट में चलेगा तो यह 3 रुपये 50 पैसे का प्रस्ताव क्यों भेजा गया. किसानों की बिजली दर कम होने की बात करते थे, लेकिन उसको भी बढ़ा दिया. अभी बिजली की कीमतों में यूपी देश के टॉप 5 राज्यों में है, अगर प्रस्ताव मंजूर हुआ तो टॉप पर होगा. पिछले साल जब 50 पैसे यूनिट बिजली दर कम हुई तो ऊर्जा मंत्री ने बड़ी बड़ी बातें कही थीं, लेकिन अब जब 8 रुपए यूनिट का प्रस्ताव दिया तो कौन जवाब देगा?
कितनी दरें बढ़ाने का है प्रस्ताव
शहरी घरेलू उपभोक्ताओं में 150 यूनिट तक जो 5.50 रुपये प्रति यूनिट था उसे 6.50 यूनिट करने का प्रस्ताव है. 151 से 300 यूनिट तक जो 6 रुपये प्रति यूनिट था उसे 7 रुपये करने का प्रस्ताव. 300 से ऊपर जो 6.50 रुपये प्रति यूनिट था उसे 8 रूपये करने का प्रस्ताव है. इसी तरह लाइफलाइन उपभोक्ता, उद्योगों, कृषि क्षेत्र में बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव है.
UP Politics: वरुण गांधी का कद BJP में कैसे हर दिन हो रहा है कम? 19 साल पहले शुरू हुआ था राजनीतिक सफर