UP: बिजली बिल के टैरिफ निर्धारण के लिए आज से जनसुनवाई शुरू, तीन करोड़ से ज्यादा उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
उत्तर प्रदेश में उपभोक्ताओं बिजली के बिल के निर्धारण के लिए विद्युत नियामक आयोग ने जनसुनवाई शुरू कर दी है. जनसुनवाई 24 जून तक चलेगी.
UP News: प्रदेश में बिजली बिल (Electricity Bill) के टैरिफ निर्धारण के लिए आज से जनसुनवाई शुरू हो गई है. यूपी विद्युत नियामक आयोग (UP Electricity Regulatory Commission) की जनसुनवाई 24 जून तक होगी. एक तरफ बिजली कंपनिया बिजली दरें बढ़वाने के जुगत में लगी हैं तो दूसरी तरफ यूपी विद्युत उपभोक्ता परिषद (Consumer Council) का प्रयास है कि दरें न बढ़े ताकि कम से कम 3 करोड़ से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिले. जुलाई में बिजली की नई दर जारी होगी.
स्लैब में परिवर्तन की अपील की गई
जनसुनवाई में आज सभी विद्युत निगम के एमडी भी मौजूद रहे. सबसे पहले बिजली कंपनियों ने आंकड़ों के साथ अपना पक्ष रखा और ऐसा माहौल बनाने की कोशिश की जिससे बिजली दरों में इजाफे पर मोहर लग जाए. इसमें बिजली कंपनियों ने 2022-23 के लिए वार्षिक राजस्व आवश्यकता में 6,787 करोड़ रुपये दिखाए हैं. इसके अलावा स्लैब परिवर्तन की अपील की है. अगर स्लैब परिवर्तन को अनुमति मिलती है तो घरेलू बिजली उपभोक्ताओं पर हर महीने 25 से 200 रुपये तक का भार पड़ेगा.
कमर्शियल उपभोक्ताओं पर पड़ सकता भार
वहीं, कमर्शियल उपभोक्ताओं को 180 से 1090 रुपये महीने अतिरिक्त भुगतान करना पड़ेगा. इससे पहले दो बार नियामक आयोग से इस प्रस्ताव को हरी झंडी नहीं मिली लेकिन एक बार फिर बिजली कंपनिया ये प्रस्ताव ले आई हैं. आज की सुनवाई में भी इस पर चर्चा हुई. हालांकि जैसे ही बिजली कंपनियों ने स्लैब परिवर्तन पर बात कहनी चाही नियामक आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह ने उन्हें रोक दिया. उन्होंने कहा कई सूचना पहले सार्वजानिक नहीं की गई. बहरहाल अध्यक्ष के इस रुख को बिजली कंपनियों को एक झटका और उपभोक्ताओं को राहत की तरह देखा जा सकता है.
7 प्रतिशत तक दर कम करने की अपील
बिजली कंपनियों के आंकड़े और पक्ष रखने के बाद अन्य लोगों की सुनवाई शुरू हो गई है। यूपी राज्य विद्युत उपभोक्तता परिषद् के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने इस दौरान कहा की बिजली कम्पनियां भ्रामक और फर्जी आंकड़े रख रही हैं. उन्होंने कहा की अभी तो पब्लिक का 22045 करोड़ बिजली कंपनियों के ऊपर बकाया है. इस हिसाब से बिजली की दरें कम होनी चाहिए. उपभोक्ता परिषद ने अगले 5 साल तक बिजली दरों में प्रतिवर्ष 7 फीसदी कमी की मांग उठाई है. उपभोक्ता परिषद् ने स्लैब परिवर्तन के प्रस्ताव को भी गलत बताया है.परिषद ने कहा की जनसुनवाई से पहले इसकी जानकारी सार्वजानिक न कर चोर दरवाजे से अपील की गई है.
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