Ghaziabad News: लाखों की डकैती और हत्या करने मामले में नौ साल बाद आया फैसला, एक ही परिवार के 7 लोगों को उतारा था मौत के घाट
गाजियाबाद (Ghaziabad) की अदालत ने नौ साल पूराने हत्या के मामले में आरोपी राहुल को फांसी की सजा सुनाई है. यहां एक ही परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी गई थी.
UP News: गाजियाबाद (Ghaziabad) की नई बस्ती तो आपने जरूर सुना होगा. जिसमें एक परिवार के सात लोगों को बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया गया था. सोमवार को आखिरकार गाजियाबाद की अदालत ने नौ साल दो महीने बाद सात मर्डर के आरोपी राहुल वर्मा को फांसी की सजा सुनाई है. साथ ही एक लाख का हर्जाना भी लगा दिया है. अब हम आपको पूरी घटना के बारे में बताते है.
क्या है मामला?
दरअसल, 21 मई 2013 की रात गोयल परिवार की आखिरी रात साबित हुई. कोतवाली घंटाघर क्षेत्र की नई बस्ती इलाके में खल-चूरी कारोबारी सतीश गोयल, पत्नी मंजू गोयल, बेटे सचिन गोयल, सचिन की पत्नी रेखा, बेटे-बेटी अमन, मेघा और हनी की हत्या कर दी गयी थी. एक ही परिवार के सात लोगों की खौफनाक हत्या से पूरा इलाका सहम उठा था. उस समय जो तस्वीर सामने आई थी उसे देखकर सभी का कलेजा थम गया था.
पुलिस की टीम जब मौके पर गई तो पूरे घर में हर तरफ सिर्फ और सिर्फ खून और लहूलुहान लाशों का खौफनाक मंजर देखकर सहम गई. जब पूरे मामले की जांच की गई तो खल चूरी व्यापारी सतीश गोयल के पूर्व ड्राइवर राहुल का नाम सामने आया था. जिसको पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. नौ साल लंबे चले इस मामले में आखिरकार राहुल वर्मा को दोषी करार दिया है.
कैसे हुई घटना?
पुलिस के मुताबिक इस हत्याकांड के पीछे की वजह व्यापारी भारी भरकम रकम की लूट थी. पूर्व ड्राइवर राहुल वर्मा को इस बात का अंदेशा था कि मृतक व्यापारी के घर में तकरीबन 40 से 45 लाख रुपए रखे हुए हैं. इसी सूचना के आधार पर आरोपी राहुल वर्मा ने मृतक के घर में घुसकर लूट की वारदात को अंजाम देना चाहा, लेकिन उसी दौरान घरवालों की आंखें खुल गई. जिसके बाद राहुल ने एक के बाद एक साथ नृशंस हत्याओं को अंजाम दे दिया.
लेकिन फिर भी राहुल को कोई मोटी रकम वहां से नहीं मिली. राहुल को उनके घर से कुछ सोने के जेवरात और पैसे मिले. उन्हें लेकर राहुल मौके से फरार हो गया था. लेकिन पुलिस जांच के बाद पुलिस ने राहुल को गिरफ्तार कर लिया था. सोमवार को तकरीबन नौ साल तक चले इस लंबे केस में आखिरकार गाजियाबाद की अदालत ने राहुल को फांसी की सजा सुनाई है.
Commonwealth Games 2022: कॉमनवेल्थ गेम्स में यूपी के लाल का कमाल, जुडो में जीता कांस्य पदक, गद-गद हुए PM मोदी और CM योगी
क्या बोले पीड़ित?
जेल सूत्रों की माने तो फैसले की तारीख तय होने के बाद से ही राहुल ने जेल में खाना-पीना कम कर दिया था. उसके चेहरे पर मौत का खौफ भी देखने को मिल रहा है. पीड़ित के वकील देवराज का बताया कि साल 2013 में 21-22 मई की रात इसने एक थोक व्यापारी के सात लोगों की हत्या कर दी थी. ये उनके यहां ड्राईवर था, घटना से पहले इसने करीब साढ़े चार लाख रुपये की चोरी की थी. उसकी इन्होंने रिपोर्ट नहीं कराई थी, इसे ये पता था कि उनके घर में 35 से 40 लाख रुपए कैश हैं, क्योंकि इनका किडनी का ऑप्रेशन होना था.
उसी को लेकर इसने रात में लूट करने की कोशिश की, लेकिन उनके जगने पर अपनी पहचान छुपाने के कारण पूरे परिवार की हत्या कर दी थी. इसमें फांसी की सजा सुनाई गई है. हम भी काफी राहत महसूस कर रहे हैं. इस मुकदमें में हमें नौ साल से उपर का समय लग गया. इस दौरान 28 गवाह हमारे द्वारा पेश किए गए और दो मुल्जिम के द्वारा पेश किए गए थे.
ये भी पढ़ें-
पीयूष जैन के खिलाफ ईडी ने दर्ज किया मनीलॉन्ड्रिंग का केस, अटैच हो सकती हैं करोड़ों की संपत्तियां