दिल्ली-NCR में बसाया जाएगा 'सपनों का शहर', न्यू नोएडा के लिए प्रशासन से मिली मंजूरी, जानें क्या होगा खास?
New Noida: उत्तर प्रदेश सरकार ने 'न्यू नोएडा' शहर को बसाने की मंजूरी दे दी है. इस नए शहर के विकसित होने से गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर के कई गांवों के विकास को नई उड़ान मिलेगी.
Uttar Pradesh News Today: नोएडा ने हालिया कुछ सालों में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं. अप्रैल 2025 से नोएडा के विकास को नए पंख लग जाएंगे, इसकी वजह यह है कि 17 अप्रैल 2025 से पहले नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू हो जाएंगी और इस एयरपोर्ट के शुरू होने से नोएडा ही नहीं बल्कि आसपास के जिलों में भी विकास को गति मिलेगी.
इसी के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा कि तर्ज पर एक न्यू नोएडा बनाने के प्लानिंग को मंजूरी दी है. इसके बाद 'न्यू नोएडा' को लेकर चर्चा तेज हो गई है. 'न्यू नोएडा' में ट्रांसपोर्ट, अन्य जगहों से कनेक्टिविटि, उद्योग जैसे कई बातों को जानने के लिए लोग उत्सुक है. आइये जानते हैं 'न्यू नोएडा' में क्या होगा खास?
कितना बड़ा होगा 'न्यू नोएडा'?
बता दें, 'न्यू नोएडा' करीब 209.11 वर्ग किलो मीटर यानी 20911.29 हेक्टेयर भूमि पर बसाया जाएगा. न्यू नोएडा को दादरी- नोएडा गाजियाबाद इन्वेस्टमेंट रीजन के तौर पर बसाने का प्लान है. इस शरह को बसाने के लिए गौतमबुद्ध नगर के 20 और बुलंदशहर के 40 गांवों की जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा.
उत्तर प्रदेश शासन के जरिये इन गांवों को नोटिफाइड भी कर दिया गया है. न्यू नोएडा 2041 मास्टर प्लान को नोएडा प्राधिकरण ने स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट (SPA) से तैयार कराया है. इस प्लान को नोएडा प्राधिकरण ने सितंबर 2023 में आयोजित 210वीं बोर्ड बैठक में अनुमोदित किया था.
'न्यू नोएडा' को मिली मंजूरी
जिसके बाद इस पर कुछ आपत्तियां भी आईं, इसको संशोधन के बाद 12 जनवरी 2024 को शासन के पास स्वीकृति के लिए भेज दिया गया था. जिसे शासन ने अपनी मंजूरी दे दी, जिसके बाद न्यू नोएडा के बसाने का रास्ता साफ हो गया. इसके लिए जल्द ही उत्तर प्रदेश सरकार के जरिये जमीन अधिग्रहण और अधिग्रहण नीति को लेकर गाइडलाइन जारी की जाएगी.
डीएनजीआईआर (दादरी नोएडा गाजियाबाद इनवेस्टमेंट रीजन) मास्टर प्लान 2041 के तहत 40 फीसदी भूमिक का उपयोग औद्योगिक इकाई के लिए किया जाएगा. इसके अलावा 13 फीसदी भूमि का इस्तेमाल आवासीय भूखंड के लिए किया जाएगा, जबकि 18 फीसदी भूखंड का इस्तेमाल ग्रीन एरिया और रिक्रिएशनल के लिए होगा.
किसके हिस्से में आई कितनी भूमि?
'न्यू नोएडा' शहर को विकसित करने के लिए 20911.29 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. जिसमें से 8420.92 हेक्टेयर भूमि में औद्योगिक इकाइयों को बसाया जाएगा. जिसमें यूपीसीडा को 1370.10 हेक्टेयर के अलावा औद्योगिक एरिया 6885.59 हेक्टेयर और मिक्स इंडस्ट्री 165.22 हेक्टेयर में बसाने की योजना है.
इसी तरह आवासीय के लिए 2810.54 हेक्टेयर भूमि, कॉमर्शियल के लिए 849.97 हेक्टेयर, पीएसपी इंडस्ट्री के लिए 1739.93 हेक्टेयर और फैसिलिटी या यूटिलिटी के लिए 195.97 हेक्टेयर के साथ ग्रीन पार्क के लिए 1792.26 हेक्टेयर भूमि निर्धारित की गई है.
बेहतर ट्रैफिक के लिए जमीन निर्धारित
प्लान के तहत ग्रीन बेल्ट और बफर के लिए 1432.73 हेक्टेयर भूमि निर्धारित की गई है. इसके अलावा रिक्रिएशन 530.22 हेक्टेयर और वाटर बॉडी के लिए 122.77 हेक्टेयर भूमि इस्तेमाल की जाएगी. ट्रैफिक और ट्रांसपोर्टेशन को बेहतर बनाने के लिए 2963.61 हेक्टेयर जमीन निर्धारित की गई है.
इसके तहत 'न्यू नोएडा' को चार फेज में विकसित किया जाएगा. 'न्यू नोएडा' का पहला फेज 2023- 2027 और दूसरा फेज 2027-2032 और तीसरा फेज 2032-2037 तक पूरा हो जाएगा. 'न्यू नोएडा' को विकसित करने का अंतिम फेज 2037- 2041 में पूरा किया जाएगा.
सैकड़ों गांवों को मिलेगी नई उड़ान
मास्टर प्लान को मंजूरी मिलने के बाद जल्द ही इसपर नोएडा प्राधिकरण काम शुरू करेगा. माना जा रहा है कि अप्रैल 2025 में जब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ानें शुरू हो जाएंगी तो इस मास्टर प्लान को भी पंख लग जाएंगे. जिसके बाद बुलंदशहर और गौतमबुद्ध नगर के सैकड़ों गांवों को भी विकास कि नई उड़ान मिलेगी.