Coronavirus: कोरोना का प्रकोप, उत्तर प्रदेश सरकार ने लगाई तबादलों पर रोक
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार बड़े फैसले ले रही है. अब मौजूदा तबादला सीजन 2020-2021 के लिए सभी तबादले अग्रिम आदेश तक प्रतिबंधित रहेंगे.
लखनऊ, एजेंसी। उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के चलते अपने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों पर रोक लगा दी है. प्रदेश के मुख्य सचिव आर के तिवारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर मौजूदा तबादला सीजन 2020-2021 के लिए सभी तबादले अग्रिम आदेश तक प्रतिबंधित रहेंगे.
यह आदेश मंगलवार देर रात जारी किया गया. इसमें स्पष्ट किया गया है कि अपरिहार्य कारणों से होने वाले तबादले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद ही हो सकेंगे. आदेश में कहा गया कि मृत्यु, चिकित्सा आपात स्थिति, प्रोन्नति, इस्तीफे, निलंबन जैसे कारणों से रिक्त हुए पद संबंधित अधिकारियों की मंजूरी के बाद स्थानांतरण से भरे जा सकते हैं.
यहां यह भी बता दें कि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक योगी सरकार ने एक बार फिर राज्य कर्मचारियों को तगड़ा झटका दिया है. कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिए जिन छह भत्तों को पहले स्थगित किया था उन्हें खत्म करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. इनमें नगर प्रतिकर भत्ता, सचिवालय भत्ता, जूनियर इंजीनियर को मिलने वाला विशेष भत्ता, पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों के भत्ते, सिंचाई विभाग के कर्मचारियों के भत्ते और पुलिस की क्राइम ब्रांच और अन्य जांच एजेंसियों को मिलने वाले अनुमन्य भत्ते शामिल हैं.
सरकार के इस फैसले का सीधा असर प्रदेश के 16 लाख कर्मचारियों पर पड़ेगा. इन छह प्रकार के भत्तों को खत्म करने से एक अनुमान के मुताबिक सरकार को 1 साल में तकरीबन 1500 करोड़ की बचत होगी. नगर प्रतिकर भत्ता एक लाख तक या उससे अधिक आबादी वाले नगरों में तैनात सभी राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों को दिया जाता है. यह शहरों की श्रेणियों के हिसाब से होता है इसमें कर्मचारी को ढाई सौ रुपये से लेकर 900 रुपये प्रति माह तक का भत्ता दिया जाता है.