मुजफ्फरनगर, एजेंसी। उत्तर प्रदेश सरकार ने चीनी मिल मालिकों को गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर बड़ी चेतावनी दी है। राज्य के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि राज्य सरकार ने चीनी मिलों को गन्ना किसानों के बकाया का 31 अक्टूबर तक भुगतान करने को कहा है। सरकार ने बकाये का भुगतान नहीं करने वाली मिलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है।


राणा ने शुक्रवार को शामली में एक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पेराई सत्र चालू होने से पहले अक्टूबर अंत तक गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान कर दिया जाना चाहिए। भुगतान करने में नाकाम रहने पर रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) जारी किया जाएगा जिसके तहत गोदाम से चीनी की बिक्री करके किसानों के बकाये का भुगतान कर दिया जायेगा।


इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को दो किसानों की याचिका पर राज्य सरकार को किसानों के बकाये का भुगतान करने का निर्देश दिया है। किसानों ने अपनी याचिका में कहा था कि उन्होंने बैंकों से कर्ज लेकर गन्ना उगाया था लेकिन वे कर्ज की अदायगी करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि उनके बकाये का भुगतान नहीं किया गया है।


देश के प्रमुख गन्ना उत्पादक क्षेत्र पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सैकड़ों किसान शुक्रवार को कृषि मंत्री के साथ वार्ता विफल होने के बाद शनिवार को दिल्ली कूच करने की तैयारी में है। उन्होंने 11 सितंबर को 15 सूत्रीय मांगों के साथ अपना मार्च शुरू किया था। इसमें दो सप्ताह के भीतर गन्ने के बकाये का भुगतान करने की मांग भी शामिल है।


राणा ने कहा कि सहारनपुर जिले की 17 में से दो चीनी मिल तिकोला और मंसूरपुर ने अपने बकाये का भुगतान कर दिया है जबकि तीन अन्य सरसवा , देवबंद और ननोता ने बकाये के 90 प्रतिशत का भुगतान कर दिया।


उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को पूरा भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है।


मुजफ्फरनगर के गन्ना अधिकारी आर . डी . द्विवेदी ने कहा कि जिले में दो मिलों ने किसानों को पूरा भुगतान कर दिया है जबकि छह अन्य को 318.13 करोड़ रुपये का बकाया चुकाना है।