UP News: प्रदेश सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों में ऑनलाइन हाजिरी को लेकर शिक्षकों में आक्रोश जारी है. बस्ती जनपद के शिक्षकों ने सरकार के इस फैसले का मुख्य विरोध किया और जनपद से किसी भी शिक्षक द्वारा ऑनलाइन हाजिरी दिये जाने की सूचना नहीं है. इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश में प्राथमिक शिक्षक संघ की बैठक प्रदेश नेतृत्व के आवाहन पर जिलाध्यक्ष चन्द्रिका सिंह के नेतृत्व में हुई. बैठक में शिक्षकों के ऑनलाइन उपस्थिति पर असहमति और शिक्षकों को 31 दिन ईएल, 15 दिन सी.एल., 15 दिन का हाफ सी.एल., चिकित्सा प्रतिपूर्ति व पुरानी पेंशन बहाली आदि का मुद्दा छाया रहा.
जिला अध्यक्ष चंद्रिका सिंह ने बताया कि प्रदेश के 6 लाख शिक्षकों ने सरकार के द्वारा जारी ऑनलाइन उपस्थिति का पूर्णतः बहिष्कार किया है और मांग किया कि अन्य विभागों की भांति शिक्षकों को भी सुविधाएं दी जाय.जब तक मांगों को पूरा नहीं किया जायेगा. शिक्षक ऑनलाइन उपस्थिति का बहिष्कार करेंगे.
क्या बोले जिली मंत्री बालकृष्ण ओझा
जिला मंत्री बालकृष्ण ओझा ने बैठक में कहा कि प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर 9 जुलाई को सभी ब्लाकों पर ब्लाक कार्यकारिणी व संघर्ष समिति की कार्यकारिणी की बैठक होगी, 11 व 12 जुलाई को सभी ब्लाकों पर धरना प्रदर्शन होगा और 15 जुलाई को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पदाधिकारी व शिक्षक ज्ञापन देंगे.15 जुलाई से 22 जुलाई तक पदाधिकारी विद्यालयों का भ्रमण कर शिक्षकों से उनके ऑनलाइन बहिष्कार पर सहमति व असहमति का प्रपत्र भरवाएंगे. 23 जुलाई को बीएसए कार्यालय पर एक दिवसीय विशाल धरना, प्रदर्शन किया जाएगा.
बैठक में तहसील अध्यक्ष हर्रैया राजकुमार तिवारी, रुधौली तहसील अध्यक्ष शिवरतन ने कहा कि वर्तमान में बारिश से सुदूर इलाकों में तमाम सड़के जलमग्न हो गई है. कई पुल आदि टूट चुके हैं, जिससे शिक्षकों को स्कूल पहुंचने में बाधा आ रही है. सरकार द्वारा ऑनलाइन व्यवस्था में मात्र 15 मिनट में ही अपनी उपस्थिति दर्ज करवानी है. यदि 1 मिनट भी विलंब हुआ तो शिक्षकों के पूरे दिन का वेतन काट लिया जाएगा. यह आदेश पूर्ण रूप से अव्यवहारिक है.जिससे शिक्षकों में काफी रोष व्याप्त है.
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