Gorakhpur News: गंभीर बीमारी से ग्रसित श्रेयांश को मिला सीएम योगी का सहारा, इलाज का खर्च उठाएगी सरकार
Gorakhpur: गोरखपुर में पौने तीन साल के मासूम श्रेयांश को लेकर जनता दरबार में पहुंचे माता-पिता की आंखों से छलके आंसू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का दिल पिघला दिया.
UP News: गोरखपुर (Gorakhpur) में पौने तीन साल के मासूम श्रेयांश को लेकर जनता दरबार (Janta Darbar) में पहुंचे माता-पिता की आंखों से छलके आंसू ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का दिल पिघला दिया. रीढ़ की हड्डी और किडनी की गंभीर बीमारी से ग्रसित ढाई साल के श्रेयांश के इलाज का खर्च अब सरकार उठाएगी. योगी आदित्यनाथ की पहल पर शुक्रवार को उसे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया जाएगा. श्रेयांश जब मां की कोख में आठ माह का रहा है, तभी चिकित्सकों ने रीढ़ और दोनों किडनी खराब होने की जानकारी दे दी थी.
क्या है समस्या
गोरखपुर के माया बाजार के रहने वाले अनूप गुप्ता और शालू गुप्ता के दो बेटे हैं. पहला बेटा छह साल का अर्पित गुप्ता इंसेफेलाइटिस जैसी लाइलाज बीमारी की चपेट में आकर जैसे-तैसे बचपन में बच पाया. उसे आज भी झटके आते हैं. उसकी भी दवा में लाखों रुपए खर्च कर चुके अनूप और शालू को जब पौने तीन साल पहले श्रेयांश का जन्म होना था, उसके पहले ही इलाज कर रही चिकित्सक ने बताया दिया था, कि उसकी रीढ़ की हड्डी नीचे की ओर पूरी विकसित नहीं हो पाई है. उसकी एक किडनी पर भी इसका असर है. आमतौर पर ऐसे बच्चों के बड़े होने के साथ बीमारी ठीक हो जाती है. इसमें दस साल का समय लगता है. लेकिन, श्रेयांश के मामले में ऐसा नहीं हुआ. उसकी दोनों किडनी खराब हो गई और यूरिन नहीं होने की वजह से पाइप लगाकर उसका यूरिन पास कराना पड़ता है. इसके साथ ही वो जो खाता है, उसे भी पचा नहीं पाता है. नतीजा उसका पेट भी फूल जाता है.
कर्ज में हैं मासूम के पिता
उस मासूम के घर एबीपी गंगा पहुंचा. माया बाजार के रहने वाले अनूप गुप्ता की एक कमरे के अपने हिस्से में रहते हैं. गोरखपुर के दवा के बाजार भालोटिया मार्केट में दवा की दुकान पर काम करते हैं. वे कहते हैं कि डेढ़ लाख रुपए के कर्ज की वजह से बच्चे का इलाज कराने में असमर्थ हो गए. अब तक ढाई लाख रुपए इलाज पर खर्च हो चुके हैं. इसके अलावा बड़े बेटे छह साल के अर्पित गुप्ता के बचपन में किसी तरह इंसेफेलाइटिस से जान बचाने में काफी रुपए खर्च हो गए. उसे भी झटके आते हैं. उनके मालिक बहुत अच्छे हैं. वो 8-10 हजार रुपए महीने पर काम करते हैं. लेकिन बच्चे को इलाज के लिए 10 दिन भी चले जाते हैं, तो उनके मालिक सैलरी नहीं काटते हैं.
क्या बोले अनूप गुप्ता
वे कहते हैं कि थक-हारकर सीएम योगी आदित्यनाथ के जनता दरबार में गए थे. योगी जी की नजर उनके बच्चे पर पड़ी और उन्होंने अधिकारियों को इलाज कराने के लिए निर्देशित कर दिया. कमिश्नर रवि कुमार एनजी ने शुक्रवार को फातिमा अस्पताल में भर्ती कराने के लिए कहा है. इसके अलावा जिलाधिकारी विजय किरण आनंद ने भी एस्टीमेट बनाकर लाने के लिए कहा है. उन्हें उम्मीद है कि उनकी मदद होगी. वे कहते हैं कि वे कर्ज में हैं. उन्हें उम्मीद है कि उनकी मदद होने के साथ उनका बच्चा भी ठीक हो जाएगा.
क्या बोलीं पत्नी
अनूप की पत्नी शालू गुप्ता को बच्चे का हाल देखा नहीं जाता है. वे रह-रहकर परेशान होने लगती हैं. एक मां के लिए बच्चे की ये हालत बर्दाश्त के बाहर है. वे कहती हैं कि उन्होंने एम्स, केजीएमसी समेत कई अस्पतालों में बच्चे को ले जाकर दिखाया. लेकिन गोरखपुर एम्स में जाने पर दिल्ली या चंडीगढ़ ले जाने की बात कहकर वापस कर दिया गया. बताया गया कि यहां पर अभी इसका इलाज नहीं है. पति के ऊपर डेढ़ लाख का कर्ज हो गया है. अब हिम्मत टूट गई है. वे योगी बाबा के पास गई थीं. उन्होंने इलाज का आश्वासन दिया है. वे कहती हैं कि उन्हें उम्मीद है कि सरकार और जिला प्रशासन की ओर से मदद मिलेगी और उनका बच्चा ठीक हो जाएगा.
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