Up News: यूपी सरकार की ‘मातृभूमि योजना’ को अब मंजूरी दे दी गई है. बता दें कि बुधवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में इस योजना को मंजूरी मिली है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार रात हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में कई और भी अहम फैसले लिए लिए गए है. वहीं ‘मातृभूमि योजना’ के तहत उत्तर प्रदेश से बाहर जाकर बसे राज्य के लोग अब अपने गांव के विकास के लिए कार्य कर सकेंगे.
‘मातृभूमि योजना’ को मिली मंजूरी
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ के क्रियान्वयन सम्बन्धी प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया है. उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में लोग गांव से निकलकर देश के विभिन्न शहरों और विदेशों में काम कर रहे हैं. तो ऐसे लोग इस योजना के जरिए अपने गांव के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं.
गांव का विकास है योजना का मकसद
उन्होंने आगे कहा कि, इस योजना में कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह जो गांव से बाहर रहते हैं लेकिन गांव में बिजली, पानी, सड़क, विद्यालय आदि विकास कार्यों के लिए अगर अपनी ओर से 60 प्रतिशत धनराशि खर्च करेंगे तो ऐसे इसका चालीस प्रतिशत खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी.
सोसाइटी का भी होगा गठन
प्रवक्ता ने बताया कि ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि योजना’ के लिए ‘उत्तर प्रदेश मातृभूमि सोसाइटी’ का गठन भी किया जाएगा. सोसाइटी को 100 करोड़ की निधि उपलब्ध कराई जाएगी, जिसका उपयोग किसी योजना हेतु राज्यांश के बजट की उपलब्धता न होने पर किया जाएगा एवं बजट उपलब्ध होने पर इसे वापस लौटाया जाएगा.
लोगों को मिलेगा अनाज
उन्होंने आगे कहा कि, मंत्रिपरिषद ने 1970 में पूर्वी पाकिस्तान से विस्थापित 63 हिन्दू बंगाली परिवारों के लिए कानुपर देहात जनपद की रसूलाबाद तहसील के भैंसाया गांव में पुनर्वास विभाग के नाम उपलब्ध 121.41 हेक्टर भूमि पर प्रस्तावित पुनर्वासन योजना को स्वीकृति प्रदान कर दी है. इसके अलावा मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों के लिए आयोडाइज्ड नमक, दाल/साबुत चना, खाद्य तेल एवं खाद्यान्न के निःशुल्क वितरण सम्बन्धी प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है.
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