(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हाईटेक हुआ GST विभाग, टोल प्लाजा से होगी ट्रकों की निगरानी, तकनीक के सहारे धरे जाएंगे टैक्स चोर
Uttar Pradesh News: अब टोल प्लाजा से गुजरने वाले ट्रकों को तकनीक के जरिए बड़ी टैक्स चोरी से रोका जा सकेगा. ट्रक किस टोल प्लाजा से होकर गुजरा है इसकी जानकारी भी अधिकारियों को हो जाएगी.
GST Story Kanpur: कर अपवंचना को लेकर जीएसटी विभाग की नजरें टैक्स चोरी करने वाले उद्यमियों पर टेढ़ी हो चुकी हैं. जीएसटी विभाग हाईटेक तकनीक के जरिए टैक्स की चोरी को रोकने के लिए अभियान शुरू कर रहा है. अब टोल प्लाजा से गुजरने वाले ट्रकों को तकनीक के जरिए बड़ी टैक्स चोरी से रोका जा सकेगा. मुख्यालय पर बैठकर विभाग के अधिकारी कोई ट्रक कहां से कहां को जा रहा है और ट्रक में क्या माल भरा गया है इसकी जानकारी आसानी से कर लेगा.
पान मसाला सुपारी और इसकी पैकेजिंग के मेटेरियल पर जीएसटी विभाग अभियान शुरू कर रहा है. इस अभियान में मुख्य हथियार टोल प्लाजा होंगे. जो ट्रक के नंबर सिस्टम तक पहुंचेंगे और सिस्टम यह बता देगा कि किस ट्रक में क्या माल कब और कहां जा रहा है. पान मसाला कारोबार अचानक फिर कर संग्रह करने वाले विभाग की नजर में चढ़ चुका है. दिल्ली में पैकेजिंग कंपनियों पर कार्यवाही के बाद पान मसाला कारोबार पर बेहद सख्त नजर रखी जा रही है.
20 अगस्त से 19 सितंबर तक गड़बड़ियों के खिलाफ अभियान
दरअसल, कर विभाग 20 अगस्त से 19 सितंबर तक इन सब गड़बड़ियों के खिलाफ एक अभियान चला रहा है. सचल दल और विशेष अनुसंधान शाखा के सभी अधिकारियों को इसके लिए लगा भी दिया गया है. जहां सड़कों पर इनके वाहनों की चेकिंग की जाएगी. वही जो ट्रक माल बाहर से लेकर आ रहे होंगे और यहां से जा रहे होंगे उनकी पकड़ टोल प्लाजा से अब आसानी से की जा सकेगी. इसमें टोल प्लाजा से वाणिज्य कर अधिकारियों को ट्रकों का नंबर मिल जाएगा. यह नंबर विभाग के सिस्टम पर आते ही विभाग के अधिकारी उस ट्रक के नंबर पर जनरेट हुए ई वे बिल को अधिकारियों के सामने ला देगा. इससे अधिकारियों को आसानी से पता चल जाएगा कि किस ट्रक में क्या माल है और वह मौके पर पहुंच कर ट्रक को पकड़ लेंगे.
ट्रक किस टोल प्लाजा से होकर गुजरा है इसकी जानकारी भी अधिकारियों को हो जाएगी. यह भी पता चल जाएगा कि माल कहां से आ रहा है. कर अधिकारियों को अगले एक माह में पान मसाला कारोबार से जुड़ी सामग्री के सभी ट्रकों की जांच कर उनके ई वे बिल भी सत्यापित करने हैं. ताकि उनका दोबारा इस्तेमाल ना हो सके. कई बार कारोबारी एक ही ई वे बिल पर दो बार माल भेज कर कर अपवंचना कर लेते हैं. जीएसटी विभाग की यही कवायद है कि बड़े टैक्स चोरों की चोरी अत्याधुनिक तकनीकों के जरिए पकड़ा जा सके.
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