UP News: हरदोई (Hardoi) में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए निशुल्क अस्पताल पहुंचाने वाली सेवा प्रदाता एंबुलेंस कंपनी ने तीन माह में ही 6 करोड़ 16 लाख की चपत लगा दी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि तीन माह में 13,708 केस फर्जी पाए गए हैं. जिसकी पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है. पूरे प्रदेश की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी.
ये है सुविधा
जच्चा-बच्चा की मृत्यु दर कम करने के लिए वर्ष 2012 में 102 एंबुलेंस संचालित की गईं. कॉल आने पर एंबुलेंस स्टाफ गर्भवती को घर से लाकर प्रसव के लिए नजदीकी प्रसव केंद्र पर भर्ती कराता है. प्रसव के बाद एंबुलेंस से ही जच्चा-बच्चा से को घर पहुंचाने की भी व्यवस्था है. स्वास्थ्य विभाग सेवा प्रदाता कंपनी को एक केस पर 45 सौ रुपये देता है. शासन के निर्देश पर मार्च, अप्रैल और मई में 102 एंबुलेंस के केस की जांच की गई.
क्या बोले अधिकारी?
कंपनी ने तीन माह में कुल 29,110 केस दर्शाए थे, जोकि 19 ब्लाक समेत 20 सेंटरों के केस थे. अधिकारियों का कहना है कि जांच में 15,402 केस सही मिले, जबकि 13,708 केस फर्जी मिले. देखा जाए तो सेवा प्रदाता कंपनी ने छह करोड़ 16 लाख 86,000 रुपये की चपत लगाई है. प्रभारी सीएमओ डा. देश दीपक पाल ने बताया शासन के निर्देश पर तीन माह के 102 एंबुलेंस के केस की जांच की गई थी. जांच में 13,708 केस असत्यापित पाए गए हैं. पूरी रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है. अब शासन स्तर से ही आगे की कार्रवाई होगी.
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