Varanasi Anar Wali mosque: बनारस (Varanasi) को गंगा जमुनी तहजीब वाला शहर कहा जाता है. कुछ ऐसी बातों को चरितार्थ करे रहे हैं बनारस के चौखंबा स्थित अनार वाली मस्जिद के हिंदू सेवादार जो बीते 40 वर्षों से मस्जिद की रखवाली कर रहे हैं. इसके अलावा यहां पर नमाजियों व इस्लाम परंपरा को मानने वाले मुस्लिम धर्म के लोगों के अलावा हिंदू धर्म के लोग भी अपनी मुराद को पूरा करने के लिए आते हैं. दशकों से इस मस्जिद परिसर में लगाए गए अनार के पेड़ की वजह से इस मस्जिद का नाम अनार वाली मस्जिद रखा गया है.


40 वर्षों से मस्जिद की रखवाली कर रहें हैं बेचन बाबा 
अनार वाली मस्जिद के सेवादार बेचन बाबा ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि वह बीते 40 वर्षों से इस मस्जिद की रखवाली करते आ रहे हैं. जुम्मे की नमाज के अलावा सभी परंपरागत और इस्लामिक त्यौहार को इनके देखरेख में ही मनाया जाता है. बीते 4 दशकों में मुस्लिम समाज के साथ-साथ हिंदू धर्म को मानने वाले लोग भी अपने मुरादों को पूरा करने की इच्छा से मस्जिद पहुंचते हैं.


बेचन बाबा का कहना है कि व्यक्ति अपने कर्मों से बड़ा होता है, धर्म किसी भी विवाद की जड़ नहीं होना चाहिए. बनारस की गंगा जमुना तहजीब हमें सिखाती है कि सभी धर्म का हमें सम्मान करना चाहिए. बीते 40 वर्षों में कभी भी कोई स्थिति नहीं हुई जिससे दोनों धर्म के बीच में विवाद की स्थिति देखी गई हो. एक दूसरे के त्योहारों में भी पूरे उत्साह के साथ शामिल होते हैं. 




आज के दौर में नजीर है अनार वाली मस्जिद
मस्जिद में नमाज अदा करने वाले हाफिज भाई ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत के दौरान कहा कि बेचन बाबा इतने वर्षों से इस मस्जिद की देखरेख करते आए हैं. यहां अमन भाईचारे के साथ हिंदू मुसलमान के लोग रहते हैं. इस मस्जिद में केवल मुस्लिम समाज के लोग नहीं बल्कि हिंदू भी अपनी मुराद को पूरा करने के लिए आते हैं. आज के समय में यह बनारस की अनार वाली मस्जिद एक नजीर है जहां हिंदू सेवादार द्वारा मस्जिद की रखवाली की जाती है.


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