होमगार्ड घोटाले में बड़ा खुलासा, इस अफसर ने दो साल पहले ही घोटाले की दी थी जानकारी
होमगार्ड ड्यूटी घोटाले में परत दर परत नई बातें सामने आ रही हैं। अब एबीपी गंगा के हाथ वो दस्तावेज लगे हैं जिनमें यह घोटाला दो साल पहले ही जानकारी में आ गया था लेकिन किसी ने भी कार्रवाई के लिये कोई कदम नहीं उठाया
लखनऊ, संतोष कुमार। उत्तर प्रदेश सरकार के लिए किरकिरी का सबब बने होमगार्ड घोटाले में एबीपी गंगा को घोटाले से जुड़े ऐसे दस्तावेज मिले हैं। जिससे पता चलता है कि सरकार में तैनात रहे बड़े अफसरों और तत्कालीन विभागीय मंत्री ने कार्रवाई की होती तो 2 साल पहले ही होमगार्ड के वेतन घोटाले का खुलासा हो जाता और नोएडा में घोटाले की फाइलें जलने से बचाई जा सकती थी।
उत्तर प्रदेश सरकार आज जिस होमगार्ड वेतन घोटाले पर जिला कमांडेंट से लेकर डिविजनल कमांडेंट पर कार्रवाई कर रही है। उस घोटाले की परतें तो 2 साल पहले ही विभाग के मंत्री और अफसर के सामने खुल चुकी थी। होमगार्ड वेतन घोटाले का यह खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि महकमे के सेकंड कमांडर तत्कालीन एडीजी जसवीर सिंह ने किया था। एडीजी होमगार्ड रहे जसवीर सिंह ने अक्टूबर 2017 में मिली शिकायतों पर खुद जिलों में जाकर जांच की और मस्टररोल में होमगार्ड ड्यूटी के नाम पर हो रही घपले को पकड़ा था। जसवीर सिंह ने प्रदेश के सभी जिला कमांडेंट से मस्टररोल की कॉपी मांग ली थी। कानपुर, लखनऊ, अलीगढ़, प्रयागराज ऐसे जिले थे जहां जसवीर सिंह ने खुद जाकर मस्टररोल के घपले को पकड़ा और दस्तावेजी सुबूत इकट्ठा किए थे। जांच में 6 जिलों के मास्टर रोल एडीजी ने इकट्ठा किए और 20 जिलों के मस्टरोल जिला कमांडेंट के द्वारा भेज दिए गए थे।
इस घोटाले पर एडीजी जसवीर सिंह ने मुख्य सचिव के साथ-साथ डीजी होमगार्ड को कार्रवाई करने के लिए पांच पत्र लिखें। एडीजी ने अपनी हर चिट्ठी में घोटाले का जिक्र किया और होमगार्ड महकमे में हो रही घूसखोरी पर कार्रवाई करने के लिए भी कहा।
इतना ही नहीं मुख्य सचिव को लिखी चार पन्ने की चिट्ठी में 17 बिंदुओं के जरिए विभाग में अफसरों की मनमानी और विभाग के भ्रष्टाचार पर शिकायत की थी। होम गार्डों की ड्यूटी के साथ-साथ एडीजी ने नमामि गंगे की आड़ में जिलों में जबरन करवाए जा रहे कार्यक्रम और उस कार्यक्रम के लिए वसूली की शिकायत की। विभाग के तत्कालीन मंत्री के द्वारा उपयोग में लाई जा रही गाड़ियों कि फर्जी रीडिंग से तेल चोरी। बिना अनुमोदन के मनमानी कर मंत्री के द्वारा अफसरों के तबादले की शिकायत की गई।
एडीजी होमगार्ड ने विभाग के भ्रष्टाचार को उजागर किया तो भरी मीटिंग में अफसरों के द्वारा बदसलूकी की जाने लगी। चीफ सेक्रेटरी को लिखी अपनी चौथी चिट्टी में जसवीर सिंह ने तत्कालीन मंत्री अनिल राजभर के द्वारा भ्रष्टाचार उजागर करने पर प्रताड़ित करने की शिकायत भी की थी। जसवीर सिंह ने साफ लिखा कि विभाग के फैले भ्रष्टाचार को उजागर करने के चलते अब उनके मातहत स्टाफ को भी प्रताड़ित किया जा रहा है। मारपीट की जा रही है। ताकि वह रूटीन पत्र टाइप भी ना करे।
बता दें एडीजी होमगार्ड जसवीर सिंह को 3 महीने बाद ही विभाग से हटा दिया गया था और बाद में सस्पेंड कर दिया गया। जसवीर सिंह की लिखी चिट्ठी पर हमने तत्कालीन डीजी होमगार्ड सूर्य कुमार शुक्ला से भी बात की तो उन्होंने हर सवाल पर गोलमोल जवाब देते हुए खुद को सख्त और तमाम आरोपों से अलग बताया।