UP News: देश में अब कोरोना (Corona) के मामलों में तेजी से कमी आ रही है. कोरोना की तीसरी लहर के बाद अब चौथी लहर को लेकर लोगों के बीच चर्चा तेज हो गई है. इसी बीच आईआईटी कानपुर (IIT Knapur) से एक बड़ी खबर सामने आई है. वहां के प्रोफेसर राजेश रंजन (Prof. Rakesh Ranjan) का कहना है कि देश और दुनिया में कोरोना की चौथी लहर एक साथ आने की उम्मीद नहीं है.
क्या बोले प्रोफेसर
आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर राजेश रंजन ने अपने गणितीय S-I-R मॉडल के जरिए चौथी लहर पर एक आकलन किया है. जिसमें ये सामने आया कि कोरोना की अगली सभी लहरे स्थानीय स्तर पर ही दिखेंगी. यानि किसी खास क्षेत्र या किसी राज्य विशेष के कुछ हिस्से में ऐसा हो सकता है. उन्होंने ये भी संभावना जताई है कि हो सकता है केस तेजी से बढ़ें लेकिन लोग जल्द ही स्वस्थ्य हो जाएंगे. लोगों में टीकाकरण और ओमिक्रॉन को इसकी प्रमुख वजह माना जा रहा है. हालांकि उन्होंने कहा कि हमें ये देखना होगा कि नई लहर कितना नुकसान पहुंचाती है. लेकिन अब पहली और दूसरी लहर जैसे हालात नहीं होंगे.
क्या बोले विशेषज्ञ
प्रोफेसर रंजन ने कहा कि डब्ल्यूएचओ (WHO) के अनुसार मई-जून तक वायरल के प्रसार के पैटर्न पर नजर रखनी होगी. चौथी लहर मलेरिया या चिकनगुनिया जैसी हो सकती है. किसी किसी क्षेत्र में ये अपना असर दिखाएगी और उसके बाद ठीक हो जाएगी. वहीं एक अन्य विशेषज्ञ का मानना है कि कोरोना की चौथी लहर की तारीख बताना संभव नहीं है. उनका मानना है कि अगर अफ्रिका में दो या तीन महीने के अंदर लहर आती है तो हमारे यहां भी चार-पांच महीनों में इसका असर दिखने लगेगा. हमारे पास जब डाटा उपलब्ध होने पर ही सही आकलन निकालना संभव होता है.
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