Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने मदरसों का सर्वे कराने के निर्देश दिया था. जिसका अब विरोध शुरू हो गया है. मंगलवार को जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी (Mehmood Madani) ने बैठक बुलाई. बैठक में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य कमाल फारुकी सहित यूपी के विभिन्न जिलों के मदरसों के प्रधानाध्यापकों ने शिरकत की. बैठक में महमूद मदनी ने कहा कि, देश में मदरसों ने पिछले सौ साल में जो काम किया है वो बेमिसाल है. मदरसे से निकले लोगों ने देश के विकास और तरक्की में अहम योगदान दिया है. आज मदरसों को ग़लत निगाह से देखा जा रहा है. मीडिया जिस तरह से मदरसों को पेश कर रही है वो दोनों क़ौमों में दूरी पैदा कर रही है. अंडरस्टैंडिंग को मिस अंडरस्टैंडिंग में नहीं बदलना चाहिए. हम इस देश के थे और रहेंगे.


सरकार से करेंगे बात


मदनी ने कहा कि आज सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलने का समय मांगा जाएगा और उन्हें पत्र लिखकर समय मांगेंगे. सरकार को चाहिए कि वो शक के बिना काम करे. कोई भी मुद्दा हो मिलकर बात करनी चाहिए. हमारी अपील है कि इस मामले में जबरदस्ती नहीं की जानी चाहिए.


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मदरसे को लेकर बने कमेटी


उन्होंने बताया कि मदरसों को लेकर एक कमेटी बनाई जाएगी जो रोजाना के मुद्दे देखेगी. कमेटी में देवबंद में अरशद मदनी, महमूद मदनी और कमाल फारूकी सहित अन्य देवबंद के लोग शामिल होंगे.वहीं जमीयत उलमा-ए-हिंद के सेक्रेटरी नियाज़ अहमद फारूकी ने कहा कि, मुल्क के क़ानून को मानना हमारा धर्म है. लेकिन क़ानून का ग़लत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. अगर सरकार हमें आंखें दिखाती है तो हम उसका भी जवाब देंगे और ऐसा नहीं होने देंगे.


मदरसों का होगा सर्वे


मालूम हो कि इससे पहले सूबे की योगी सरकार ने राज्य के गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वेक्षण कराने का फैसला किया है. इसमें उनमें मौजूद मूलभूत सुविधाओं की स्थिति जांची जाएगी. इसके लिए 10 सितंबर तक सर्वे टीमें गठित की जाएंगी.


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