(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Jhansi News: वाह री UP पुलिस! थाने से 'भूत' को निजी मुचलके पर दी जमानत, आप भी जानें पूरा मामला
Jhansi News: झांसी पुलिस ने कुछ जुआरियों को पकड़ा था. मृतक राजेंद्र पांडे का पुत्र अभिषेक पांडे भी गिरफ्तार हुआ था. अभिषेक ने अपना नाम राजेंद्र पांडे बताया, इसीलिए FIR उसके पिता के नाम दर्ज हो गई.
Jhansi Ghost Bail From Police Station: झांसी (Jhansi) के थाना बड़ागांव पुलिस ने एक महीने पहले मृतक हो चुके शख्स पर जुआ खेलने की एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली और उसे गिरफ्तार (Arrest) करके निजी मुचलके पर छोड़ दिया. बड़ागांव थानाध्यक्ष परमिंदर सिंह (Parminder Singh) ने जो तथ्य बताए वो काफी चौंकाने वाले थे. उन्होंने बताया 21 मई को कुछ जुआरियों को पकड़ा गया था. मृतक राजेंद्र पांडे (Rajendra Pandey) का पुत्र अभिषेक पांडे (Abhishek Pandey) भी गिरफ्तार हुआ था. अभिषेक ने अपना नाम राजेंद्र पांडे बताया था, इसीलिए एफआईआर उसके पिता के नाम दर्ज हो गई. हालांकि, अभिषेक को निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया.
ये है बड़ा सवाल
सवाल ये है कि, निजी मुचलके पर रिहा करते समय आधार कार्ड की तहकीकात क्यों नहीं की गई. पुलिस ने जिस राजेंद्र पांडे को जुआ खेलने के आरोप में पकड़कर निजी मुचलके पर छोड़ा था दरअसल वो स्व राजेंद्र पांडे का बेटा अभिषेक पांडे था. राजेंद्र पांडे का 72 साल की उम्र में अप्रैल 2022 में निधन हो गया था. पुलिस के प्रेस नोट में 4 नंबर पर लिखा है राजेंद्र पांडे की उम्र 31 वर्ष है.
दर्ज की जाएगी एफआईआर
दरअसल, जुए के वारदात में पाली गांव से 7 जुआरी गिरफ्तार हुए थे. इनसे 72000 के करीब नकदी,1 5 बाइक्स और 7 मोबाइल बरामद हुए थे. जुआरी जिले के अलग-अलग हिस्सों के रहने वाले थे. मृतक राजेंद्र पांडे का बेटा अभिषेक पांडे बबीना थाना क्षेत्र के शास्त्री नगर ग्रामीण का रहने वाला था. अब थानाध्यक्ष परमिंदर का कहना है कि, अभिषेक पर 420 की एफआईआर दर्ज की जाएगी.
पहले भी सामने आ चुके हैं मामले
ये पहला मामला नहीं है इससे हले टहरौली थाना व तहसील के बंगरा बंगरी गांव निवासी एक महिला की तहरीर पर 8 नामजद और 2 अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धारा 147, 148, 323, 452, 504 और 506 के तहत मामला दर्ज किया गया. जिसमें पुलिस ने 5 वर्ष पूर्व ही गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में दम तोड़ चुके प्रशान्त पुत्र शिवदयाल बादल को भी आरोपी बना दिया, जिसके चलते पुलिस कार्यशैली शक के घेरे में नजर आ रही रही है. अब टहरौली पुलिस अपने आप को लाचार और असहाय महसूस करने लगी है. एसएचओ ने बताया कि विवेचना में नाम बदल दिया है, हमारे पास जो भी प्रार्थना पत्र आते हैं उन पर एफआईआर दर्ज की जाती है.
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