Bikru News:  बिकरु कांड के फर्जी सिम मामले में नया मोड़ आ गया है. दरअसल किशोर न्याय बोर्ड में सुनवाई के दौरान पेश हुए दोनों गवाह अपने पहले के बयानों से मुकर गये हैं.  लगातार न्यायलय नहीं आने और कई तारीखों बाद न्यायालय में हाजिर होने वाले दोनों गवाहों ने ख़ुशी दुबे द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले सिम मामले से किनारा कर लिया है. ऐसा करते हुए गवाहों ने कहा है कि उन दोनों का इस पूरे मामले से कोई वास्ता नहीं है. दरअसल SIT की सिफारिश पर चौबेपुर पुलिस ने ख़ुशी दुबे पर फर्जी सिम इस्तेमाल करने पर धोखाधड़ी के तहत धारा 420 के तहत मुकद्दमा दर्ज किया था. बिकरू कांड में ख़ुशी दुबे को 120 बी का अभियुक्त बनाया गया था.  इस कांड में पुलिस एनकाउंटर में मारे गये अमर दुबे से, ख़ुशी दुबे की शादी हुई थी. 

20 महीने बाद  पुलिस के गवाह मुकरे
बता दें कि जुलाई 2020 में बिकरू कांड होने के बाद जांच में जुटी SIT की सिफारिश पर चौबेपुर पुलिस ने विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे समेत कई लोगों पर फर्जी सिम के इस्तेमाल करने पर, धोखाधड़ी का मुकद्दमा दर्ज किया था. जिसमें नाबालिग ख़ुशी दुबे पर भी फर्जी सिम के इस्तेमाल करने के तहत FIR दर्ज हुई थी. लगभग 20 महीने बाद  पुलिस के गवाह मुकर गये हैं. इस मामले में अब तक तीन गवाह कोर्ट में हाजिर हो चुके है और 7 गवाह पेश होने बाकी हैं. जबकि फर्जी सिम मामले में ऋचा पर अपने नौकर के सिम के इस्तेमाल का आरोप लगा है. 

 

गवाहों ने कोर्ट में क्या कहा? 
कई तारीखों के बाद वारंट जारी होने पर कोर्ट पहुंचे पुलिस के गवाह संतराम ने कहा की वह आज पहली बार कोर्ट में खुशी से मिला है. पुलिस ने उसका नाम कैसे लिखा उसको भी नहीं मालूम है. इसके बाद दूसरे गवाह महेश ने भी खुशी दुबे को पहली बार देखने की बात कुबूल की. उसने कहा की उसके किसी फर्जी दस्तावेज का खुशी ने कभी कोई दुरपयोग नहीं किया,फर्जी सिम मामले में पुलिस से भी पूछताछ में वह सारी बात बता चुके है. इससे पूर्व में इस मामले के जांच अधिकारी कृष्ण मोहन राय भी गवाही दे चुके है जिसमें उन्होंने माना था कि नाबालिग मोबाइल सिम नहीं खरीद सकते है. वह भी ख़ुशी दुबे के मामले में सिम फर्जी तरिके से लिया गया है यह साबित करने में असफल रहे है. जिस नंबर को ख़ुशी दुबे के द्वारा इस्तेमाल करना दिखाया जा रहा है, दरअसल वह ख़ुशी कि माँ गायत्री तिवारी के नाम है. ऐसे में फर्जी सिम मामला पुलिस के लिए सर दर्द बनाता जा रहा है.
वहीं खुशी दुबे की मां गायत्री देवी काफी खुश हैं. उनका कहना है कि सच सबके सामने आना चाहिए और उनकी बेटी को न्याय मिलना चाहिए. उनकी बेटी ने कुछ नहीं किया है और इसलिए ही पुलिस के दोनों गवाह अपनी गवाही से मुकर गए.

 

खुशी दुबे पक्ष के वकील ने क्या कहा? 
खुशी दुबे पक्ष के वकील शिवाकांत दीक्षित कि जिरह में गवाह संतराम और महेश ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे खुशी दुबे को नहीं जानते हैं और उन्होंने कोई भी दस्तावेज उसको प्रयोग के लिए नहीं दिए थेय  दोनों गवाहों ने स्पष्ट रूप से यह कहा है की उन्होंने पुलिस विवेचना में दरोगा को यह बात भी बता दी थी. शिवाकांत दीक्षित ने कहा कि उनके द्वारा एसआईटी की संस्तुतियों पर पहले ही संदेह जाहिर किया गया था और अब एक बार फिर वो कह रहे हैं कि एसआईटी की जांच बोगस तथ्यों पर आधारित है. 

 

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