PM Modi Kanpur Metro Visit: पीएम नरेन्द्र मोदी मंगलवार को कानपुर मेट्रो के नौ कि.मी. लंबे प्रायोरिटी कॉरिडोर में यात्री सेवाओं का शुभारंभ करेंगे. इसी के साथ पीएम कानपुर की जनता को नए साल का तोहफा देंगे. उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे.
2019 में 15 नवंबर को सीएम योगी आदित्यनाथ ने कानपुर मेट्रो के सिविल निर्माण कार्य की शुरूआत की थी. इसके बाद 2 साल से भी कम समय में बीते 10 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्गा शंकर मिश्रा, सचिव, आवास एवं शहरी कार्य की मौजूदगी में आईआईटी कानपुर से मोतीझील के बीच नौ कि.मी. प्रायॉरिटी कॉरिडोर में कानपुर मेट्रो के ट्रायल रन की शुरूआत की थी. जिसके बाद मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने कानपुर मेट्रो के अपने तीन दिवसीय निरीक्षण के दौरान वाया-डक्ट, ट्रैक, स्टेशन परिसर, साइनेज, सुरक्षा व्यवस्था, पेयजल सुविधा आदि का निरीक्षण किया. इस निरीक्षण के तीसरे दिन सीएमआरएस ने मेट्रो ट्रेन की गति की जांच की जो कि संतोषजनक पाई गई. इसके बाद सीएमआरएस ने कानपुर मेट्रो को प्रायोरिटी कॉरिडोर पर कॉमर्शियल रन के लिए एनओसी दे दी थी.
ये रही उपलब्धि
प्रायोरिटी कॉरिडोर के सभी नौ स्टेशनों को इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (IGBC) की प्लेटिनम रेटिंग से प्रमाणित किया गया है. कानपुर मेट्रो के पूरे नौ किमी के हिस्से को ग्रीन बिल्डिंग कोड के अनुसार विकसित किया गया है. जो इसे पर्यावरण के लिए सुरक्षित बनाता है. ग्रीन बिल्डिंग कोड और मापदंडों के कड़े अनुपालन के कारण, इसे पर्यावरण प्रबंधन के लिए ISO-14001 प्रमाणन और सुरक्षा प्रबंधन के लिए ISO-45001 प्रमाणन के साथ प्रमाणित किया गया है. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक कुमार केशव की मानें तो कोविड जैसे कठिन समय के बावजूद कानपुर मेट्रो रेल परियोजना ने निर्माण कार्य की गति को बनाए रखा. सभी बाधाओं और चुनौतियों को पार कर लिया. यूपीएमआरसी की टीम, ठेकेदारों, मजदूरों, कामगारों और सलाहकारों ने दो साल से भी कम समय में प्रायोरिटी कॉरिडोर के सिविल निर्माण कार्य को पूरा किया है. इसके परिणामस्वरूप, यूपीएमआरसी द्वारा दो साल से भी कम समय में कानपुर मेट्रो का ट्रायल रन शुरू किया गया. इसके साथ ही यूपीएमआरसी की टीम दो साल एक महीने एवं 15 दिन में कानपुर मेट्रो की राजस्व सेवाएं शुरू करने की उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने में सफल रही है.
ये है खासियत
कानपुर मेट्रो तीन डिब्बों के साथ 'आईआईटी-कानपुर से मोतीझील' तक प्राथमिकता खंड पर चलेगी. यात्री सेवाएं 29 दिसंबर 2021 से खोली जाएंगी. दैनिक मेट्रो सेवाएं सुबह छह बजे से रात दस बजे तक उपलब्ध रहेंगी. शुरुआत में क्यूआर कोड से टिकट की सुविधा होगी, इसके बाद लोगों के लिए स्मार्ट कार्ड सुविधा भी शुरू की जाएगी. आने वाले दिनों में यूपीएमआरसी GoSmart कार्ड भी पेश करेगी, जो एकल यात्रा पर 10 फीसदी की छूट प्रदान करेगा. यह यात्रियों को संपर्क रहित यात्रा अनुभव प्रदान करेगा. चूंकि मेट्रो आवागमन का सबसे सुरक्षित तरीका है. ऐसे में माना जा रहा है कि कानपुर मेट्रो न केवल एक आरामदायक, सुगम और सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी, बल्कि लोगों के हर दिन आने-जाने के तरीके को भी बदल देगी. कानपुर मेट्रो शहरी परिवहन के अन्य साधनों की तुलना में सस्ती है. यह दैनिक ट्रैफिक जाम में फंसे बिना यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचने में मदद करके समय और धन की बचत करेगी.
दो कॉरिडोर है शामिल
उल्लेखनीय है कि कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में दो कॉरिडोर शामिल हैं. जिसकी कुल लंबाई 32.5 किमी है. पहला कॉरिडोर 'आईआईटी कानपुर से नौबस्ता' 23.8 किमी लंबा है जबकि दूसरा कॉरिडोर 'चंद्रशेखर आजाद कृषि विश्वविद्यालय से बर्रा-8' 8.6 किमी लंबा है. नौ एलिवेटेड मेट्रो स्टेशनों वाले पहले कॉरिडोर का 'आईआईटी-कानपुर से मोतीझील' का प्राथमिकता खंड अब राजस्व संचालन के लिए तैयार है. बता दें कि कानपुर मेट्रो की ट्रेनें 'रीजेनरेटिव ब्रेकिंग' तकनीक से लैस होंगी. जिससे ट्रेन संचालन में 35 फीसदी तक ऊर्जा की बचत होगी. रीजेनरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली की मदद से मेट्रो ट्रेन की ब्रेकिंग प्रक्रिया के जरिए उर्जा का उत्पादन करती है उसे वापस सिस्टम में भेज देती है. इसके जरिए कानपुर की मेट्रो ट्रेने न सिर्फ उर्जा की बचत करेंगी बल्कि इसका उत्पादन भी करेंगी.
डिजाइन
कानपुर मेट्रो के स्टेशनों और डिपो पर लगे लिफ्ट भी रीजेनरेटिव ब्रेकिंग तकनीक से ऊर्जा बचाने में सक्षम होंगे. इनमें 34% तक की ऊर्जा दक्षता होगी. ऊर्जा की बचत के लिए सभी मेट्रो परिसरों में 100% एलईडी लाइटिंग होगी. इसके अलावा मेट्रो डिपो और स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाने की भी योजना तैयार की गई है. कानपुर मेट्रो को खूबसूरती से डिजाइन किया गया है और इसे ओएचई (ओवर हेड इलेक्ट्रिफिकेशन) के बजाय तीसरी रेल द्वारा संचालित किया जाएगा. इसमें मेट्रो ट्रेनों के नियमित रखरखाव और रखरखाव के लिए डिज़ाइन किया गया एक ग्रीन डिपो होगा. मेट्रो की संरचना 'ग्रीन बिल्डिंग' अवधारणा पर विकसित की गई है जिसमें ऊर्जा की बचत के साथ-साथ वाटर रिचार्जिंग की सुविधा भी होगी. कानपुर मेट्रो शहर में सार्वजनिक परिवहन का सबसे सुरक्षित, सबसे आरामदायक और विश्वसनीय साधन होगा.
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