Valmiki Jayanti: आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) रविवार को यूपी स्थित कानपुर (Kanpur) पहुंचे. यहां आरएसएस प्रमुख ने महर्षि वाल्मीकि जन्मोत्सव (Valmiki Jayanti 2022) कार्यक्रम में वाल्मीकि समाज के लोगों को संबोधित किया. इस दौरान मोहन भागवात ने जाति व्यवस्था (Caste System) पर फिर से टिप्पणी करने के अलावा बाबा साहेब अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) को लेकर भी बयान दिया है. 


वाल्मीकि जयंती में अपने संबोधन के दौरान RSS प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, "बाबा साहब अंबेडकर ने संसद में संविधान देते समय बताया था कि अब तक जो पिछड़े माने जाते थे वो पिछड़े नहीं रहेंगे. वो बराबरी से सबके साथ बैठेंगे, हमने यह व्यवस्था बना दी है. लेकिन केवल व्यवस्था बनाने से नहीं होता मन बदलना पड़ता है." आरएसएस प्रमुख ने कहा, "उन्होंने कहा था कि व्यवस्था करके राजनीतिक और आर्थिक स्वतंत्रता प्रदान की है. लेकिन यह तभी साकार होगी जब सामाजिक स्वतंत्रता आएगी और इसलिए दूसरे डॉक्टर साहब ने 1925 से नागपुर से उस भाव को संघ के द्वारा लाने का काम किया."



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पिछड़ों को लेकर दिया ये बयान
मोहन भागवत ने कहा, "मैं मिठाई नहीं बताशा बनकर रहूंगा. वाल्मीकि जयंती के पुण्य पर्व पर मैं यहां आकर खुद को धन्य मान रहा हूं. नागपुर में पहले वाल्मीकि मंदिर के उद्घाटन में मैं शामिल हो चुका हूं. वाल्मीकि जयंती में हमेशा में घूंट और कार्यक्रम में जाता रहता हूं. समस्त हिंदू समाज में वाल्मीकि समाज का वर्णन क्यों नहीं कराना चाहिए? वाल्मीकि अगर रामायण न लिखते तो हमें भगवान राम के बारे में पता ही नहीं होता. वाल्मीकि को रामायण के लिए नारद जी ने प्रेरित किया था."


दरअसल, इससे पहले भी मोहन भागवत ने कहा था, ''वर्ण और जाति व्यवस्था की अवधारणा को भुला देना चाहिए. आज अगर कोई इस बारे में पूछता है तो समाज के हित में सोचने वाले सभी लोगों को बता देना चाहिए कि वर्ण और जाति व्यवस्था अतीत की बात है और इसे भुला देना चाहिए."


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