UP Bal Shramik Vidya Yojana: केंद्र और प्रदेशों की सरकारें कई तरह की जनकल्याण की योजनाएं चला रही हैं. यूपी सरकार ने बालश्रम उन्मूलन के लिए एक अहम योजना की शुरुआत की है. पढ़ाई लिखाई छोड़कर काम करने के लिए मजबूर बच्चों की खातिर यूपी सरकार ने मुख्यमंत्री बाल श्रमिक विद्या योजना की शुरुआत की है. इस योजना की तहत बाल श्रम के जाल में फंसे बच्चों की मदद करना है. ताकि इन बच्चों को शिक्षा के अधिकार के साथ मुख्य धारा से जोड़ा जा सके.
क्या है मुख्यमंत्री बालश्रमिक विद्या योजना?
इस योजना के तहत लड़के को एक हजार रुपये और लड़कियों को 1200 रुपये हर महीने दिए जाते हैं. इससे ना सिर्फ ये बच्चे अपनी शिक्षा को आगे बढ़ा सकते हैं बल्कि परिवार की भी आर्थिक मदद कर सकते हैं. वहीं उत्तर प्रदेश में श्रमिकों के बच्चों को जो आठवीं से लेकर दसवीं कक्षा में पढ़ाई करते हैं. यूपी सरकार की तरफ से 6 हजार रुपये की सालाना आर्थिक मदद दी जा रही है. इसमें ना सिर्फ प्राइमरी, सेकेंडरी बल्कि उच्च शिक्षा के लिए भी ऐसे बच्चों की मदद की जाती है.
किस-किस को मिल सकता है लाभ?
इस योजना के तहत श्रम विभाग की तरफ से ऐसे बच्चों की पहचान की जाती है जो बालश्रम से जुड़े हैं. इसके लिए ग्राम पंचायतों, स्थानीय निकाय, चाइल्डलाइन के स्तर पर निरिक्षण और सर्वेक्षण किए जाते हैं. साथ ही इशके लिए भूमिहीन परिवारों और गरीब तबके के परिवारों से भी बच्चों को लाभार्थी के तौर पर चयनित किया जाता है. लाभार्थियों के चयन के बाद पूरा डाटा पोर्टल पर अपलोड किया जाता है.
योजना के लिए क्या है पात्रता?
लाभार्थी उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए.
बच्चे की उम्र 8 से 18 साल के बीच होनी चाहिए.
आधार कार्ड, पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र जरूरी है.
ऐसे कर सकते हैं आवेदन
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए आवेदक उत्तर प्रदेश श्रम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन कर सकते हैं. यहां रजिस्ट्रेशन फॉर्म में आपको अपनी पूरी जानकारी देनी होगी. साथ ही सभी सर्टिफिकेट भी अपलोड करने होंगे. इसके बाद आवेदन की स्वीकृति और चयन को लेकर जानकारी भी आप इसी वेबसाइट से हासिल कर सकते हैं.