Arvind Giri Death: गोला विधानसभा से पांच बार MLA रहे अरविंद गिरी का निधन, CM योगी ने जताया शोक
BJP MLA Arvind Giri Death: लखीमपुर (Lakhimpur Kheri) के गोला गोकर्णनाथ विधानसीट (Gola Gokaran Nath) के बीजेपी विधायक अरविंद गिरी का निधन हो गया है.
उत्तर प्रदेश स्थित लखीमपुर (Lakhimpur Kheri) के गोला गोकर्णनाथ विधानसीट (Gola Gokaran Nath) के विधायक का निधन हो गया है. विधायक अरविंद गिरी (Arvind Giri) वर्तमान में बीजेपी (BJP) के टिकट पर चुनाव जीते थे. बताया जाता है कि उनका निधन हार्ड अटैक (Heart Attack) से हुआ है. अरविंद गिरी लखीमपुर खीरी जिले के गोला सीट से पांच बार विधायक रह चुके हैं. बीजेपी विधायक के निधन पर सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शोक व्यक्त किया है.
विधायक अरविंद गिरी के निधन पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर लिखा, "लखीमपुर खीरी जनपद की गोला विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक अरविन्द गिरि का निधन अत्यंत दुखद है. मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं. प्रभु राम दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान व शोकाकुल परिजनों को यह अथाह दुख सहने की शक्ति प्रदान करें. ॐ शांति!"
बताया जाता है कि अरविंद गिरी बीते कई दिनों से बीमार चल रहे थे. वहीं मंगलवार की सुबह तबीयत खराब होने उन्हें इलाज के लिए लखनऊ ले जाया जा रहा था. लखनऊ जाते समय अरविंद गिरी का सीतापुर में हार्ड अटैक से निधन हो गया. अरविंद गिरी सपा, कांग्रेस और बसपा से होते हुए बीजेपी में आए थे.
कैसा रहा राजनीतिक करियर
वहीं उनके राजनीतिक करियर की बात करें तो राजनीतिक सफरनामा 1981 में छात्र जीवन की राजनीति से शुरू हुआ था. पहली बार 1981 में ही क्रेन ग्रोवर्स नेहरू डिग्री कालेज के छात्रसंघ के महामंत्री चुने गए. वे 1988 में लाल्हापुर गांव के प्रधान बने थे. 1994 में सपा की सदस्यता ग्रहण कर सक्रिय राजनीति की शुरुआत की थी. जिसके बाद 1995 में रिकार्ड मतों से चुनाव जीतकर गोला के पालिकाध्यक्ष बने थे.
वे 1996 में पहली बार सपा के टिकट हैदराबाद विधानसभा सीट से विधायक बने थे. इसके बाद 2000 में दोबारा गोला पालिका परिषद के अध्यक्ष बनें. वहीं दूसरी बार हैदराबाद विधानसभा सीट 2002 में सपा के टिकट पर विधायक बने थे. 2005 में सपा शासनकाल में अनुध वधू अनीता गिरि को जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुए.
अरविंद गिरी 2007 में तीसरी बार हैदराबाद विधानसभा सीट से सपा के टिकट पर विधायक बनें. हालांकि 2012 में कांग्रेस के टिकट पर गोला गोरकननाथ विधानसभा सीट से चुनाव हार गए थे. 2014 का लोकसभा चुनाव खीरी लोकसभा सीट से बसपा के टिकट पर लड़े लेकिन हार गए. इसके बाद 2017 और 2022 में बीजेपी के टिकट पर गोला गोरकननाथ के विधायक बने.
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