Lakhimpur Kheri Violence: आशीष मिश्रा को जमानत मिलने से अपने बेटों को खोने वाले किसान नाराज, बोले- न्याय की कोई उम्मीद नहीं
लखीमपुर खिरी के तिकुनिया गांव में पिछले साल 3 अक्टूबर को हुई हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट से जामनत मिल गई है. आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.
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Lakhimpur Kheri Violence: केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा (Ajay Mishra) के बेटे और लखीमपुर खीरी कांड में हत्या के आरोपी आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) को 124 दिन बाद जमानत मिल गई है. वहीं आशीष मिश्रा को बेल मिलने से अपनों को खोने वाले किसान बेहद निराश हैं. गौरतलब है कि इलाहाबाद हाई कोर्ट (High Court) की लखनऊ बेंच ने कल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत दे दी थी.
वहीं आशीष मिश्रा को जमानत मिलना काफी विवादास्पद भी हो गया है. खासकर तब जब राज्य में चुनावी मौसम चल रहा है और सत्तारूढ़ भाजपा प्रदेश में दूसरा कार्यकाल चाह रही है.
आशीष मिश्रा को जमानत मिलने से अपनों को खोने वाले किसान बेहद नाराज
इधर आशीष मिश्रा को जमानत मिलने से वे किसान काफी नाराज हैं जिन्होंने अपने कलेजे के टुकड़ों को खो दिया था. पिछले साल 3 अक्टूबर को आशीष मिश्रा की कार से कुचले गए 19 वर्षीय गुरविंदर सिंह के पिता सुखविंदर सिंह ने कहा, "उसे इतनी जल्दी जमानत मिलना अच्छा संकेत नहीं है."
उन्होंने कहा, "इस सरकार से पहले ही हमें कोई उम्मीद नहीं थी और अब को बिल्कुल भी कोई उम्मीद नहीं है... अजय मिश्रा टेनी को अभी भी हटाया नहीं गया है."
पीएम मोदी ने मामले में कहा था राज्य सरकार पारदर्शी तरीके से कर रही है काम
किसानों की भारी मांग के बावजूद सरकार ने जूनियर होम मिनिस्टर को यह कहते हुए नहीं हटाया है कि मामले की जांच की जा रही है.वहीं किसान सुखविंदर सिंह ने कहा, "मोदी जी वहां बैठते हैं और एक के बाद एक जुमला (राजनीतिक वादे) देते हैं. लेकिन वह अपने ही मंत्री को हटा भी नहीं सकते." दो दिन पहले समाचार एजेंसी एएनआई के साथ एक साक्षात्कार में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ी थी.पीएम मोदी ने कहा था , 'राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जो कमेटी चाहिए थी, सुप्रीम कोर्ट जिस जज के लिए जांच चाहता था, उसके लिए अपनी सहमति दे दी थी. राज्य सरकार पारदर्शी तरीके से काम कर रही है.'
प्रदर्शन कर रहे किसानों पर चढ़ाई थी गाड़ी
बता दें कि पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में चार किसानों को एक एसयूवी कार से कुचल दिया गया था, जब वह एक कार्यक्रम में कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर लौट रहे थे. घटना के बाद हुई हिंसा में भी कुछ लोग मारे गए. किसानों ने आरोप लगाया था कि एसयूवी अजय मिश्रा टेनी की थी और उसमें उनका बेटा आशीष मिश्रा था. हिंसा के कई दिनों के बाद आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर को कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था.
SIT ने पूरी घटना एक सोची समझी साजिश बताया था
वहीं मामले की जांच कर रही एसआईटी ने अपनी जांच में पाया था कि किसानों को गाड़ी से कुचलने की पूरी घटना एक सोची समझी साजिश थी. इसके बाद एसआईटी ने 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें आशीष मिश्रा को हत्या का आरोपी पाया गया. एसआईटी की ओर से कुल 16 लोगों को इस घटना का आरोपी बनाया गया. एसआईटी ने आरोपियों पर IPC की धाराओं 307, 326, 302, 34,120 बी,147, 148,149, 3/25/30 लगाई हैं.
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