UP Nagar Nikay Chunav: यूपी में दिसंबर महीने में स्थानीय निकाय के चुनाव होने हैं. सभी दल इसकी तैयारी में जुटे हैं. सत्ताधारी बीजेपी, सपा, बसपा और कांग्रेस निकाय चुनाव की जोरदार तैयारी कर रही हैं. बीजेपी दावा कर रही है कि इस बार निकाय चुनाव में ऐसी रणनीति तैयार की जा रही है जिससे जो वार्ड उसने लंबे समय से नहीं जीते उसे भी जीत जाएं. बीजेपी की तैयारी है कि इस निकाय चुनाव में हर एक पद के लिए अपने सिंबल पर उम्मीदवार को उतारा जाए. 2017 में बीजेपी ने मेयर के लिए हुए चुनाव में जहां 87 फीसदी सीटों पर जीत हासिल की थी तो वहीं नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में उसकी जीत का प्रतिशत मेयर के मुकाबले काफी कम था. इस बार पार्टी का दावा है कि ना केवल मेयर बल्कि नगर पालिका और नगर परिषद में भी बीजेपी ज्यादा सीटें जीतेगी.


2017 में कैसा रहा बीजेपी का प्रदर्शन
2017 में उत्तर प्रदेश में जब स्थानीय निकाय के चुनाव हुए थे तब यूपी में 16 नगर निगम थे. बीजेपी ने इनमें से 14 नगर निगमों में जीत हासिल की थी. यानी मेयर पद के लिए हुए चुनाव में बीजेपी को 87 फीसदी सीटों पर जीत हासिल हुई थी और नगर निगम के वार्डों में बीजेपी के 597 पार्षद जीते थे और यहां बीजेपी का जीत का प्रतिशत लगभग 46 फीसदी था. वहीं नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद पर बीजेपी के 70 उम्मीदवार जीते थे. यहां बीजेपी का विनिंग परसेंटेज 35 फीसदी था जबकि नगर पालिका परिषद के सदस्य के चुनाव में बीजेपी के 923 सदस्य चुने गए थे और जीत का प्रतिशत 17 था. वही नगर पंचायत अध्यक्ष के पद पर बीजेपी के 100 अध्यक्ष चुने गए थे. यहां जीत का प्रतिशत 22 था. नगर पंचायत सदस्य के पद पर बीजेपी के 664 उम्मीदवार जीते थे और यहां जीत का प्रतिशत 12 था.


दावे के पीछे नेताओं ने बताई ये वजह
शहरों में तो बीजेपी उम्मीदवारों को बड़ी जीत मिली लेकिन जब बात नगर पालिका और नगर पंचायत तक पहुंची तो जीत का प्रतिशत कम होता चला गया. पार्टी इस बार पार्टी दावा कर रही है कि सभी सीटों पर बीजेपी ही जीत हासिल करेगी और उसके इस दावे के पीछे पार्टी के नेताओं का कहना है कि 2017 में प्रदेश में पहली बार बीजेपी की सरकार बनी थी लेकिन अब योगी सरकार के 6 साल का कार्यकाल लोगों के सामने है. इसके अलावा 2017 से जितने भी चुनाव हुए हैं बीजेपी का वोट प्रतिशत बढ़ता ही चला गया है और ऐसा ही इस बार स्थानीय निकाय के चुनाव में भी होगा. पार्टी का साफ तौर पर कहना है कि इस चुनाव में हर एक पद के लिए हम अपने सिंबल पर उम्मीदवार को उतारेंगे और जो वार्ड बीजेपी ने आज तक नहीं जीते हैं उन्हें जीतने की रणनीति पर भी इस बार काम हो रहा है.


तैयारी में काफी आगे दिख रही बीजेपी
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी को पता है कि स्थानीय निकाय के चुनाव कितने महत्वपूर्ण हैं. इसीलिए दूसरे सियासी दलों के मुकाबले बीजेपी की तैयारी भी निकाय चुनाव को लेकर काफी आगे दिख रही है. बीजेपी ने 17 नगर निगम चुनाव के लिए अपने चुनाव प्रभारी, चुनाव संयोजक पहले ही नियुक्त कर दिए हैं. इसके अलावा नगर पालिका और नगर पंचायत चुनाव के लिए स्थानीय स्तर पर नेताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है. वहां पर संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट भी तैयार हो रही है. वरिष्ठ पत्रकार भी साफ तौर पर कह रहे हैं कि शहरों में तो बीजेपी पहले से ही लोगों की पसन्द रही है और अब बीजेपी 6 साल से उत्तर प्रदेश में सत्ता में है और ज्यादातर चुनाव में उसे जीत हासिल हुई है तो इसका भी फायदा बीजेपी को मिलेगा.


नई रणनीति के तहत काम कर रही बीजेपी
हालांकि स्थानीय निकाय चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में 3 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. बीजेपी इन उपचुनाव को लेकर भी दावे कर रही है. इन उपचुनाव के परिणाम भी उसके दावे की हकीकत को बयां करेंगे लेकिन इतना जरूर है कि बीजेपी निकाय चुनाव को जीतने के लिए इस बार एक नई रणनीति के तहत काम कर रही है और वह इस कोशिश में जुटी है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले इस निकाय चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल कर 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अभी से माहौल तैयार किया जाए.


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