Lucknow News: LDA को वापस मिलेगा जनपथ का मिनी सचिवालय, जानिए- क्यों एक रुपये के टोकन मनी पर दी गई थी बिल्डिंग?
इस आठ मंजिला बिल्डिंग का कारपेट एरिया सात हजार वर्गमीटर है. इसके बेसमेंट, भूतल और वाह्य परिधि में 175 दुकानें/शोरूम/गोदाम बने हैं, जिन्हें 90 साल की लीज पर आवंटित किया गया था.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में लखनऊ के हजरतगंज में जनपथ स्थित मिनी सचिवालय (विकास भवन) (Vikas Bhawan) लखनऊ विकास प्राधिकरण (Lucknow Development Authority) को वापस मिलेगा. प्राधिकरण ने मात्र एक रुपये के सालाना टोकन मनी पर यह बिल्डिंग राज्य सम्पत्ति विभाग को दी थी, जिसमें विभन्न सरकारी विभागों के कार्यालय संचालित थे. अब जबकि अधिकांश कार्यालय अन्य जगहों पर शिफ्ट हो गए हैं तो राज्य सम्पत्ति विभाग इसे वापस एलडीए को सौंपने जा रहा है. शहर के बीचों-बीच स्थित इस बेशकीमती बिल्डिंग का उपयोग कैसे करना है, इस पर निर्णय लेने के लिए प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने रविवार को यहां का निरीक्षण किया.
उपाध्यक्ष ने क्या बताया
उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि, प्राधिकरण द्वारा जनपथ के बीचों-बीच 1003 वर्गमीटर क्षेत्रफल में विकास भवन का निर्माण कराया गया था. इस आठ मंजिला बिल्डिंग का कारपेट एरिया लगभग सात हजार वर्गमीटर है. इसके बेसमेंट, भूतल और वाह्य परिधि में 175 दुकानें/शोरूम/गोदाम बने हैं, जिन्हें लोगों को 90 साल की लीज पर आवंटित कर दिया गया था. वहीं, बिल्डिंग का बाकी हिस्सा वर्ष 1978 में राज्य सम्पत्ति विभाग को किराये पर दे दिया गया, जबकि इसका अनुरक्षण प्राधिकरण द्वारा ही किया जाता रहा.
उपाध्यक्ष ने आगे बताया, किराया न मिलने पर प्राधिकरण द्वारा 2 अप्रैल 2009 को इसे राज्य सम्पत्ति विभाग को एक रुपये के सालाना टोकन मनी पर दे दिया गया. बोर्ड बैठक में लिए गये इस निर्णय में यह शर्त रखी गयी कि राज्य सम्पत्ति विभाग बिल्डिंग का मेन्टेनेंस करेगा, जबकि इसपर स्वामित्व एलडीए का ही रहेगा. बाद में राज्य सम्पत्ति विभाग द्वारा विभिन्न सरकारी विभागों को इस बिल्डिंग में कार्यालय के लिए जगह दी गई और इसे मिनी सचिवालय के रूप में जाना जाने लगा.
उपयोग तय करने के लिए निरीक्षण
उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि, मौजूदा समय में राज्य निर्वाचन आयोग को छोड़कर शेष सभी सरकारी विभागों के कार्यालय बापू भवन और एनेक्सी समेत अन्य जगहों पर शिफ्ट हो चुके हैं. ऐसे में शासन द्वारा खाली हो चुकी इस बिल्डिंग को वापस प्राधिकरण को हैंडओवर करने और भविष्य में इसके उपयोग पर निर्णय लेने के निर्देश दिए गए हैं, जिसके सम्बंध में आगामी 9 जून को शासन में बैठक होनी है. इसी क्रम में आज उनके द्वारा बिल्डिंग का स्थलीय निरीक्षण किया गया. इस दौरान अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा और उप सचिव माधवेश कुमार समेत अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
नये कलेवर में संवरेगी बिल्डिंग
उपाध्यक्ष अक्षय त्रिपाठी ने बताया कि बिल्डिंग की पहली मंजिल से लेकर सातवें तल तक कार्यालय खुले थे, जबकि टॉप फ्लोर पर कैन्टीन बनी है. निरीक्षण में यह देखा गया कि कितने फ्लोर पूरी तरह से खाली हो चुके हैं और वहां कब्जा लेने के निर्देश दिए गए. उन्होंने बताया कि, बिल्डिंग हजरतगंज के प्राइम लोकेशन पर है और इसकी मार्केट वैल्यू काफी ज्यादा है. बिल्डिंग के बेहतर व्यावसायिक उपयोग के लिए इसे नये कलेवर में ढालने की आवश्यकता है. जिसके लिए इसे आधुनिक तकनीक से री-मॉडल करने का प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है.
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