मेरठ:  मेरठ (Meerut) के किठौर में मौलानाओं (clerics) ने एक निकाह पढ़ाने से सिर्फ इसलिए इंकार कर दिया क्योंकि वहां शादी-समारोह में जमकर तेज आवाज में संगीत (Music) बजाया गया था. गौरतलब है कि तीन महीने पहले मौलानाओं (Clerics) ने कमेटी गठित कर चेतावनी दी थी कि अगर शादियों में डीजे पर संगीत बजाया जाएगा तो वे निकाह नहीं पढ़वाएंगे.  वहीं किठौर के मौलानाओं ने जब शादी में तेज आवाज में संगीत बजाने की वजह से निकाह पढ़वाने से इंकार कर दिया तो दूल्हे के पिता ने दूसरे जिले के मौलाना को बुलवाकर निकाह पढ़वाया.


बेटे की शादी में परिजनों ने जमकर डीजे बजाया था


दरअसल अनवार के बेटे व बेटी की शादी होनी थी. शुक्रवार को बेटे की शादी की खुशी में परिजनों ने डीजे पर जमकर नाच-गाना किया. वहीं इसकी खबर कस्बे के इमामों को लगी तो वे फौरन अनवार के घर पहुंच गए और कहा कि अगर शादी में डीजे, आतिशबाजी और खड़े होकर खाने की रस्में की गईं तो वे किठौर का कोई भी इमाम निकाह नहीं पढ़वाएग.. इमामों की इस धमकी पर अनवार ने उस समय तेज आवाज में बज रहे संगीत को बंद करा दिया. लेकिन शनिवार को बारात से लौटने के बाद फिर से संगीत बजाया गया और आतिशबजी भी हुई. 


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दूसरे जिले से मौलाना बुलवाकर पढ़वाया गया निकाह


वहीं रविवार को अनवार की बेटी की शादी थी. इस दौरान किठौर के इमामों ने निकाह पढ़ाने से मना कर दिया. बाद में दूल्हा पक्ष ने दूसरे जिले गाजियाबाद के डासना से मौलाना को बुलवाकर निकाह पढ़ाने की रस्म अदा करवाई. हालांकि लड़की के चाचा आलम ने कहा कि तेज आवाज में संगीत बजाकर उन लोगों ने शरीयत के अनुसार गलती की थी.


मुफ्ती मौलाना सद्दाम हुसैन ने मामले को लेकर क्या कहा


इधर मुफ्ती मौलाना सद्दाम हुसैन ने मामले को लेकर कहा कि, "शरीयत के हिसाब से शादियों में डीजे बजाना और आतिशबाजी करना जायज नहीं है. अगर शादी के दौरान तेज आवाज में संगीत बजाया गया था और आतिशाबाजी भी हुई थी तो मौलानाओं का फैसला एकदम सही है. 


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