UP News: दिल्ली सरकार में मंत्री सतेंद्र जैन और पंजाब के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के जेल जाने के बाद कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं. महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक भी जेल में ही हैं. अब हम अगर उत्तर प्रदेश के इतिहास पर नजर डालें तो यहां भी कई ऐसे मंत्री रहे जो महीनों तक जेल में बंद रहे. इन मंत्रियों में अमरमणि त्रिपाठी, बाबू सिंह कुशवाहा, आजम खान, संजय निषाद, राजा भैया, हरिशंकर तिवारी और गायत्री प्रजापति प्रमुख नाम हैं. आइए हम बताते हैं कि ये मंत्री जेल क्यों गए-


ये मंत्री जा चुके हैं जेल-

अमरमणि त्रिपाठी- पूर्वांचल के महराजगंज की लक्ष्‍मीपुर सीट से विधायक रह चुके अमरमणि त्रिपाठी अभी जेल में हैं. बाद में वे सीट नौतनवा विधानसभा हो गई जहां से वे 2017 में विधायक बने. वे एक बार बीजेपी और दूसरी बार मायावती सरकार में मंत्री रह चुके हैं. लेकिन 2003 में लखनऊ के पेपरमिल कॉलोनी में मधुमिता शुक्ला हत्या में जेल में लंबे वक्त से बंद हैं.


बाबू सिंह कुशवाहा- कभी बसपा के कार्यालय में कर्मचारी रहे बाबू सिंह कुशवाहा 1997 में पहली बार विधान परिषद उम्मीदवार बने. जब 2003 में बसपा की सरकार यूपी में बनी तो उन्हें पंचायती राज मंत्री बनाया गया. 2007 से 2012 के बीच फिर से बसपा सरकार में परिवार कल्याण मंत्री रहे. लेकिन 2012 के बाद उनका समय खराब हुआ और फिर जेल गए. वे 2012 से चार सालों तक जेल में रहे. उनपर नेशनल रूरल हेल्थ मिशन में घोटाले का आरोप है.


आजम खान- समाजवादी पार्टी विधायक आजम खान काफी चर्चा में रहे. वे मई में 27 महीनों बाद जेल से बाहर आए. बताया जाता है कि योगी सरकार बनने के बाद उनपर 89 केस किए गए. जबकि एक समय था कि सपा सरकार में उनकी तूती बोलती था. सपा सरकार में आजम खान के पास नगर विकास मंत्रालय के अलावा कई विभाग थे.


संजय निषाद- वर्तमान में योगी सरकार के मंत्री और निषाद पार्टी प्रमुख संजय निषाद के भी जेल जा चुके हैं. बीते दिनों विधानसभा के बजट सत्र में पिछली सपा सरकार पर आरोप भी लगाया था. तब उन्होंने अपने भाई की हत्या करवाने और उसके बाद उस केस में उन्हें भी फंसाने का आरोप लगाया. उस कांड के समय संजय निषाद को जेल भी जाना पड़ा था. 


राजा भैया- प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा से राजा भैया विधायक हैं. वे खुद की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक विधायक हैं. राजा भैया बसपा सरकार के दौरान जेल भी जा चुके हैं. हालांकि उनपर कई बार तरह-तरह के आरोप लगते रहे हैं. कुंडा विधायक राजा भैया सपा सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. तब उनके पास कारागार और खाद्य मंत्रालय था. 


हरिशंकर तिवारी- 1985 में गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से हरिशंकर तिवारी ने पहली बार चुनाव जीता था. तब वे जेल में ही बंद थे. वहीं हरिशंकर तिवारी लगातार विधायकी का चुनाव जीतते रहे. वे 1997 से लेकर 2007 यूपी सरकार में मंत्री रहे. उनपर हत्या, किडनैपिंग, छिनौती, रंगदारी मांगने जैसे कई आरोप लगते रहे हैं. 


गायत्री प्रजापति- अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी सरकार में गायत्री प्रजापति खनन मंत्री रहे. इसके बाद उनका बुरा समय शुरू हुआ. चित्रकूट के नाबालिग गैंगरेप केस में उन्हें जेल जाना पड़ा बाद में कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. तब सरकार पर उनको बचाने का आरोप भी लगा था.


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