UP MLC Election 2022: पूर्वांचल में BJP ने इन उम्मीदवारों को दिया एमएलसी का टिकट, बाहुबलियों से नजदीकी के लग रहे आरोप
MLC Election 2022: विधानसभा चुनाव के बाद अब सबकी नजर एमएलसी यानी विधान परिषद के चुनाव पर है. बीजेपी ने मिर्जापुर से विनीत सिंह और बलिया से रविशंकर सिंह पप्पू को अपना उम्मीदवार बना दिया है.
UP MLC Election 2022: विधानसभा चुनाव के बाद अब सबकी नजर एमएलसी यानी विधान परिषद के चुनाव (MLC Election) पर है. बीजेपी (BJP) ने जौनपुर (Jaunpur) से एमएलसी बृजेश सिंह "प्रिंशु" को विधान परिषद सदस्य के लिए अपना प्रत्याशी बनाया है. इसके साथ मिर्जापुर (Mirzapur) से विनीत सिंह और बलिया (Ballia) से रविशंकर सिंह पप्पू का नाम सामने आया है. हालांकि इस बार वाराणसी (Varanasi) सीट से बृजेश के खिलाफ बीजेपी ने सुदामा पटेल को मैदान में उतारा है, लेकिन विरोधी दल सवाल खड़े कर रहे हैं.
कौन है बीजेपी का उम्मीदवार
विरोधी दल पहले भी बीजेपी पर बाहुबलियों से नजदीकी के आरोप लगाते रहे हैं. ऐसे में एमएलसी के टिकट ने सवाल को गहरा कर दिया है. विनीत सिंह 2017 में बसपा के टिकट से चंदौली की सैयदराजा सीट से बृजेश के भतीजे सुशील के खिलाफ चुनाव लड़े और हार गए. 2009 में मिर्जापुर सोनभद्र सीट से ही विनीत सिंह बसपा के टिकट पर एमएलसी बने और इस बार बीजेपी ने इन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है. विनीत बाहुबली की छवि रखते हैं और सुशील के पहले दुश्मन थे. लेकिन इन दिनों खबर है कि मामला सुलह का चल चुका है.
बृजेश सिंह के बारे में
अब जौनपुर के उम्मीदवार बृजेश सिंह 'प्रिंसु' के बारे में भी जान लीजिए. प्रिंशु ने पूर्व सांसद धनंजय सिंह का साथ मिलने के बाद 2010 से राजनीति में संक्रिय हुए हैं. वे गांव से बीडीसी सदस्य चुने जाने के बाद करंजाकला ब्लाक के प्रमुख बने थे. हालांकि बीच में उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया गया लेकिन दोबारा उन्होंने सदन में बहुमत हासिल करके विरोधियों को पटखनी दे दिया था. 2015 में अपना कार्यकाल पूरा करने के बाद बसपा से एमएलसी का चुनाव लड़े यहां भी सफल हो गये.
कौन हैं पिंशु
प्रिंशु ने अपने परिवार की राजनीतिक विरासत को बढ़ाने का काम किया है. उनके दादा राम लखन सिंह 1957 में रारी विधानसभा से कांग्रेस के विधायक रहे. 1967 चुनाव में उनकी दादी अमरावती सिंह जनसंघ से चुनाव लड़ी थीं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. प्रिंशु के पिता सुरेन्द्र प्रताप सिंह 1982 से लेकर 1987 तक करंजाकला के ब्लाक प्रमुख रहे हैं. बलिया के प्रत्याशी भी क्षेत्र में दबंग की छवि रखते हैं. हालांकि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र से बीजेपी का उम्मीदवार उतारकर माफिया विरोधी संदेश देने का प्रयास है, लेकिन विरोधी इस पर निशाना साध रहे हैं.
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