Mysterious Fire in Kasganj: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कासगंज (Kasganj) जिले के सोरों ब्लॉक (Soron Block) में एक हौरान करने वाला मामला सामने आया है. यहां के रायपुर पटना गांव (Raipur Patna Village) में पिछले 8 दिन से एक ही परिवार के तीन घरों में लगातार आग लगने का सिलसिला जारी है. ये आग 8 दिन में लगभग 150 से ज्यादा बार लग चुकी है. आग का तांडव ऐसा है कि घर में रखे बिस्तर, कपड़े या बक्से में कभी भी खुद-ब-खुद आग जल उठती है. यही नहीं बीते कल तो इस रहस्यमयी आग का ऐसा रौद्र रूप देखने को मिला कि देखते ही देखते 7 मिनट के भीतर 11 बीघा गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई.
गांव में दहशत का माहौल
इस तरह आग लगने की घटना से गांव में दहशत का माहौल है. गांव में रहने वाले तीन भाई रूप सिंह, कन्हाई पाल और विजेंद्र पिछले 8 दिनों से इस रहस्यमयी आग से जूझ रहे हैं. आग लगने का सिलसिला 2 अप्रैल से शुरू हुआ है. सबसे पहले आग कन्हाई पाल के घर में लगनी शुरू हुई. कन्हाई पाल के मुताबिक वह शाम में घर की छत पर बैठे हुए थे, इसी दौरान अचानक उनके कमरे से धुआं उठने लगा. नीचे जाकर देखा तो उनके कपड़ों में आग लगी हुई थी. आनन-फानन में आग बुझाई गई और माहौल सामान्य हो गया. इसके कुछ देर बाद ही कन्हाई पाल के भाई विजेंद्र के घर में बेड से धुआं उठने लगा.
घर के मंदिर में भी लगी आग
इसी तरह का वाक्या परिवार के अन्य घरों में दूसरे दिन से शुरू हो गया और घर में रखे हुए सामान में आग लगने का सिलसिला बढ़ता ही चला गया. घर के पूजा मंदिर में भी आग लगी. कुछ देर बाद बंद बक्से के कपड़े में भी आग लग गई. दहशत इस कदर बढ़ गई कि तीसरे दिन घर से सामान निकाल कर बाहर सड़क पर रख दिया गया. यही नहीं आग का खौफ और तांडव इस कदर बढ़ने लगा कि घर में बाहर की ओर बनी आटा चक्की के भीतर भी आग की घटनाएं होने लगी. आटा पिसाई के लिए आए हुए गेहूं और आटे की बोरियों में भी खुद ही आग लग गई. आटा चक्की की आग बुझ भी नहीं पाई थी कि चक्की के पड़ोस में बने पशुओं के बाड़े में पड़े गन्ने में आग जल उठी.
गांव में खड़ी की गई फायर ब्रिगेड की गाड़ी
विजेंद्र के ट्यूबवेल से लेकर खलिहान तक आग का तांडव है. इसकी दहशत इतनी बढ़ गई है कि पूरा का पूरा गांव आग के रहस्य की खोज में जुट गया है. लोग निगरानी करने लगे हैं कि आखिर आग लगने की वजह क्या है. यह खबर कासगंज से जिला मुख्यालय तक भी पहुंची. लिहाजा कासगंज की कलेक्टर ने लेखपाल को पूरे मामले के बारे में पता लगाने के आदेश दिए. क्योंकि मामला आग से जुड़ा हुआ था, तो इसकी खबर अग्निशमन विभाग को भी दी गई. आग की लगातार होती घटनाओं को देखते हुए अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने स्थाई रूप से एक अग्निशमन की गाड़ी गांव में ही तैनात कर दी, लेकिन अग्निशमन के अधिकारी आग के कारणों का पता नहीं लगा सके.
दूसरे खेतों में नहीं लगी आग
आग का रौद्र रूप उस समय देखने को मिला जब बीते गुरुवार दोपहर के 2:30 के बाद अचानक विजेंद्र के 11 बीघा खेत में खड़ी गेहूं की फसल देखते ही देखते 7 मिनट में जलकर खाक हो गई. मौके पर मौजूद लोग बताते हैं कि जो गाड़ी फायर स्टेशन ने यहां पर उपलब्ध कराई थी, वह गाड़ी स्टार्ट नहीं हुई, उसका इंजन जाम था. धक्के मारकर गाड़ी स्टार्ट की तो पानी का प्रेशर नहीं बना. इतना सब कुछ हो रहा था कि 7 मिनट के भीतर विजेंद्र की 11 बीघा गेहूं की फसल जलकर खाक हो चुकी थी. इसे दैवीय आपदा कहेंगे या कोई वैज्ञानिक कारण, इसका निष्कर्ष अभी नहीं निकला है. लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि आसपास जो गेहूं के खेत हैं उनकी जो बालियां हैं वो महज झुलस कर ही रह गई, क्योंकि आग बुझाने के संसाधन वहां पर उपलब्ध नहीं थे, लिहाजा आग दूसरे खेतों में भी बढ़ सकती थी, पर ऐसा नहीं हुआ.
कंपाइन भी हो गई खराब
कमाल की बात यह भी है कि कुछ ही दूर पर इसी परिवार का एक और खेत है, जहां गेहूं की फसल आज भी खड़ी हुई है और उस फसल के साथ भी यह हादसा घटित ना हो इसलिए रात को ही गेहूं काटने के लिए कंपाइन की व्यवस्था की जाने लगी, लेकिन आज सुबह जब कंपाइन आनी थी. वह कंपाइन भी अपनी जगह पर खड़े-खड़े खराब हो गई. इसके बाद उसके मालिक ने कंपाइन खराब होने की तस्वीरें भी पीड़ित परिवार को भेज दी.
बाबा का दावा भी हुआ फेल
लगभग 7 बार इस परिवार के तीन घरों में जगह-जगह आग लगी है. पीड़ित परिवार प्रशासन के जरिए वैज्ञानिक तथ्यों का सहारा ले रहा है और दैवीय आपदा समझकर तंत्र-मंत्र की भी शरण में है. आग लगने का कारण जब अग्निशमन विभाग के अधिकारी नहीं खोज पाए तो परिवार ने आगरा के शमशाबाद से एक बाबा को भी बुलाया. बाबा ने जाकर घर में तंत्र-मंत्र विद्या का प्रयोग किया और झाड़-फूंक की. इस बीच बाबा ने दावा किया कि अब घर में आग नहीं लगेगी. बाबा का दावा भी कुछ देर तक तो वाजिब दिखा, लेकिन उसके बाद भी एक जगह आग लगने की सूचना मिली.
गांव में पहुंची डीएम
रायपुर पटना में लगातार 8 दिन से एक ही परिवार के तीन घरों में आग लगने के मामले में आज कासगंज की जिलाधिकारी हर्षिता माथुर और एसपी कासगंज रोहन बोत्रे गांव पहुंचे. उन्होंने पीड़ित परिवार से जाकर पूरी घटना की जानकारी ली और मौके का निरीक्षण किया. डीएम हर्षिता माथुर ने बताया कि प्रशासन की तरफ से परिवार की जो भी आर्थिक मदद की जा सकती है, वह की जाएगी. साथ ही साथ लगातार होती आग की घटनाओं पर नियंत्रण के लिए फॉरेंसिक टीम के जरिए नमूने भी लिए गए हैं, जिससे स्पष्ट हो सके कि आखिर एक ही परिवार के तीन घरों में आग क्यों लग रही है.
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