Farmers Protest: देश में तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 1 साल से चल रहा किसानों का धरना प्रदर्शन अब खत्म होने जा रहा है. बता दें कि किसानों और सरकार के बीच शर्तों के साथ हुए समझौते के बाद 11 दिसंबर को किसानों द्वारा धरना समाप्त करने पर सहमति बनी है. अब भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस बात के लिए वो सरकार का धन्यवाद करते हैं क्योंकि किसानों और सरकार के बीच समझौता हो गया है.


1 साल में किसानों ने बहुत संघर्ष किया है- नरेश टिकैत


नरेश टिकैत ने कहा कि किसान सरकार के साथ हुए इस समझौते के बाद भी ज्यादा खुश नहीं है क्योंकि 1 साल चले इस आंदोलन में किसानों ने बहुत कुछ झेला है. इस दौरान करीब 700 किसानों की मौत हुई है. इसके अलावा किसानों को खालिस्तानी, तालिबानी और देशद्रोही सहित अनेक नामों से नवाजा गया है. उन्होंने कहा कि सरकार अगर अच्छा काम करे तो उसका स्वागत भी किया जाता है और उन्हें धन्यवाद भी दिया जाता है.


सरकार में नहीं रहने चाहिए अजय टैनी – नरेश टिकैत


वहीं नरेश टिकैत ने ये भी कहा कि सरकार में अजय मिश्रा टेनी जैसे मंत्री नहीं रहने चाहिए. उनकी गाड़ी से 4 - 5 किसानों की हत्या की गई है. जिसमें एक पत्रकार भी शामिल थे. इसलिए सरकार को अजय टेनी को हटा देना चाहिए था. फिर भी सरकार ने जो समझौता किया है उसके लिए हम उनका धन्यवाद करते हैं.  हालांकि अभी एमएसपी को लेकर अभी पूरी तरह से फाइनल नहीं हुआ है क्योंकि समिति बनेगी और उसके बाद तय होगा.


किसानों पर दर्ज मुकदमे लिए जाएंगे वापस


आपको बता दें कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि गतिशील किसान आंदोलन कि लंबित विश्व के संबंध में समाधान की दृष्टि से भारत सरकार की ओर से जो प्रस्ताव पारित किए गए हैं उनमें प्रधानमंत्री ने स्वयं और उसके बाद कृषि मंत्री ने एक समिति गठित करने की घोषणा की है. इस कमेटी में केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार और किसान संगठन के प्रतिनिधि और वैज्ञानिकों को शामिल किया जाएगा. किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे के संबंध में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा मध्य प्रदेश और हिमाचल सरकार ने पूर्णता सहमति दे दी है कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे तत्काल प्रभाव से वापस लिए जाएंगे.


11 दिसंबर को खत्म होगा धरना?


इसके साथ ही मुआवजा के संबंध में यूपी और हरियाणा सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है. पंजाब सरकार इसके संबंध में पहले ही घोषणा कर चुकी है. वहीं बिजली बिल में किसान पर असर डालने वाले प्रावधानों पर स्टॉकहोल्डर संयुक्त किसान मोर्चा से चर्चा होगी और चर्चा के बाद ही बिल सदन में पेश किया जाएगा. इसके अलावा पराली जलाने के मामले में भारत सरकार ने जो कानून पास किया था उसकी धारा 14 व 15 में से क्रिमिनल लायबिलिटी से किसान को मुक्ति दी है. सरकार की ओर से जारी प्रेस नोट के बाद अब संभावना है कि किसान 11 दिसंबर को दिल्ली के विभिन्न बॉर्डर से अपने धरने समाप्त कर देंगे


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