Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक भाषण के दौरान सनातन धर्म को भारत का राष्ट्रीय धर्म कह दिया. इसको लेकर अब विपक्ष में राजनीति शुरू हो गई है. बस्ती जनपद के हरैया विधानसभा सीट से बीजेपी विधायक अजय सिंह अपने सनातन धर्म की परिभाषा बताते हुए कहा कि सनातन धर्म सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया का इकलौता ऐसा धर्म है जिसमें सभी धर्म के लोग समाहित हैं. मतलब हिंदू के साथ-साथ मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी सनातन के अंग है. इसलिए सनातन को सर्वधर्म समभाव के रूप में भी देखा जाता है. विधायक ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने सनातन को राष्ट्रीय धर्म कहकर क्या गलत कर दिया है. सनातन राष्ट्रीय धर्म ही नहीं बल्कि उनके अनुसार अंतरराष्ट्रीय धर्म है.


विधायक का कहना है कि हिंदू को छोड़कर मुस्लिम सिख और ईसाई के धर्मों की उत्पत्ति के बारे में पता है, मगर आज तक कोई यह नहीं बता सकता है कि सनातन धर्म की उत्पत्ति कब और कहां से हुई. इसलिए सभी धर्मों का एक धर्म है वह है सनातन, मगर कुछ संकुचित मानसिकता के लोग हैं जो मुख्यमंत्री के इस बयान को सांप्रदायिकता से जोड़कर देख रहे हैं. अयोध्या में राम मंदिर को लेकर बीजेपी विधायक अजय सिंह ने कहा कि भगवान राम के पद चिन्हों पर चलकर कोई भी महान बन सकता है, मगर आज तक राम के चरित्र जैसा कोई पैदा नहीं हुआ है. इसलिए अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को राष्ट्रीय मंदिर कहना गलत नहीं है.


स्वामी प्रसाद मौर्य को अल्प ज्ञान- अजय सिंह
वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य के द्वारा राम चरित्र मानस को लेकर दिए गए बयान पर विधायक अजय सिंह ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य की इस ग्रंथ को लेकर बहुत ही अल्प जानकारी है. अजय सिंह ने आगे कहां कि अगर वे हिंदू के धर्म ग्रंथों का विरोध कर रहे हैं, तो वे लोग क्यों मंदिरों में या हिंदू वोटरों से वोट मांगने जा रहे हैं. हिंदू धर्म ग्रंथों का विरोध करते हुए हिंदू का वोट लेने का हक नहीं रखते हैं. आगे उन्होंने कहा कि हिंदू उदार है इसलिए स्वामी प्रसाद मौर्य जैसे लोग इस तरह की अभद्र टिप्पणी कर पा रहे हैं. भगवान राम को विधायक अजय सिंह राष्ट्र पुरुष करार देते हुए कहा कि राम ही एक सत्य है और उन पर सवाल खड़ा करना अशोभनीय है.


गोधरा कांड को लेकर कही यह बात
गोधरा कांड को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर बनाए गए बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री पर सवाल खड़ा करते हुए विधायक अजय सिंह ने कहा कि इस डॉक्यूमेंट्री में सही तथ्यों को नहीं दिखाया जा रहा है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खलनायक के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है. जबकि गोधरा कांड में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जैसा सीएम था तभी गोधरा कांड बड़ा रूप नहीं ले पाया. नरेंद्र मोदी के प्रयास से गोधरा कांड पूरे देश में नहीं फैल पाया था. इस कांड में कई लोग जेल गए, कई को सजा हुई. डॉक्यूमेंट्री में मोदी को केंद्रित करके उन्हें खलनायक बनाने का प्रयास हो रहा है. इससे समाज में वैमनस्य फैल रहा है. वामपंथी इस डॉक्यूमेंट्री को लेकर नरेंद्र मोदी का विरोध कर रहे हैं. ये लोग हमेशा देश तोड़ने की बात करते हैं. इसलिए वामपंथियों को मुद्दा चाहिए जिसको वे भुनाने में लगे है.


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