Uttar Pradesh News: लखीमपुर खीरी में बड़े भाई ने बाघ के हमले में बचाई 10 साल के बच्चे की जान, फिलहाल हालत नाजुक
लखीमपुर खीरी जिले में बाघ ने एक दस वर्षीय लड़के पर हमला कर दिया, जहां उसके बड़े भाई ने किसी तरह से बाघ से भिड़ कर उसकी जान बचाई. फिलहाल हमले में घायल लड़के की हालत नाजुक बनी हुई है.
Wild Animal Attack News: लखीमपुर खीरी जिले में एक भाई ने अदम्य साहस दिखाते हुए अपने छोटे भाई को मौत के मुहं से निकाल लिया. दरअसल यह घटना उस समय घटी जब दो भाई दस वर्षीय राजकुमार और 22 वर्षीय सुरेश बेंत के खेत में काम कर रहे थे. उसी समय बाघ ने राजकुमार पर हमला कर दिया. जिसके बाद बड़े भाई सुरेश ने बाघ के जबड़े से राजकुमार को खींच कर बाहर निकाला लिया.
ऐसे घटित हुई पूरी घटना
बाघ के हमले से पीड़ित दोनों भाइयों के खेत लखीमपुर खीरी जिले के कतर्नियाघाट वन्य जीव अभयारण्य और दुधवा टाइगर रिज़र्व के पास स्थित है. जब दोंनों भाई अपने खेत पर काम करने में व्यस्त थे, उसी समय घात लगा कर बैठे बाघ ने छोटे भाई राजकुमार पर हमला कर दिया. इस हमले के बाद, उसके बड़े भाई सुरेश ने अपने साहस से बाघ से मुकाबला करते हुए, मौत के मुहं से निकाल लिया.
बाघ के इस हमले में, राजकुमार के सर में गंभीर चोटें आयी हैं. जिसके बाद उन्हें पास के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया. लेकिन हालत बिगड़ते देख डॉक्टरों ने उन्हें किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (केजीएमसी) लखनऊ रेफर कर दिया. जहां अभी भी उनकी हालत नाजुक बनी हुई है.
दोनों भाई माधवापुर गावं, जिला लखीमपुर के रहने वाले हैं. इस घटना के संबंध में घायल राजकुमार के भाई सुरेश ने बताया कि बाघ के हमले में उनके भाई का सर बाघ के मुहं में था. उनके पास प्रतिक्रिया करने के लिए बहुत कम समय था. मैंने किसी तरह हिम्मत जुटा कर बाघ से भिड़ गया और अपने भाई की जान बचाई.
घायल राजकुमार को लेकर डॉक्टर का यह कहना
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, बहराइच के जिला अस्पताल में घायल राजकुमार का इलाज करने वाले आपातकालीन चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि, "उनकी हालत बेहद गंभीर है. घायल राजकुमार के सिर और गर्दन में गहरी चोटें आई हैं. काफी खून गिरने की वजह से खून चढ़ा कर और प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें लखनऊ रेफ़र कर दिया गया है.
दुधवा टाइगर रिज़र्व के अधिकारी का घटना को लेकर यह है कहना
दुधवा टाइगर रिज़र्व के फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने बाघ के बारे में बताया कि, बारिश की वजह से बाघ के पावों के निशान जाहिर नहीं हो रहे हैं, लेकिन हमारे अधिकारियों ने उस इलाके में एक बाघ की पुष्टि की है. इस तरह की घटना दोबारा न हो इसलिए दो टीमों को इलाके में तैनात किया गया है, जो बाघ को तलाश रहे हैं.
वहीं घायल राजकुमार को लेकर उन्होंने कहा कि, हमारे अधिकारी यह सुनिचित कर रहे हैं कि घायल लड़के को उचित इलाज मिले. जबकि मुआवजे को लेकर फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक ने कहा सरकार के जरिये तय किये गए गाइडलाइन के मुताबिक परिवार को मुआवजा दिया जाएगा.
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