Gyanvapi Mosque Case: ज्ञानवापी में शिवलिंग है या फिर कुछ और इस मामले की सुनवाई अदालत में चल रही है लेकिन कोर्ट से बाहर इस मुद्दे से लोगों को जोड़ने की कवायद शुरू हो गई है.काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने ये ऐलान किया है कि  15 जून के बाद ज्ञानवापी के लिए कार सेवा की शुरुआत की जाएगी. इसमें वो अपने समर्थकों के साथ वाराणसी के अस्सी घाट से वरुणा घाट तक नाव से जाएंगे. इस कार सेवा में बड़ी तादाद में डमरू दल, शहनाई वादक और शिव भक्त शामिल होंगे. 


पूर्व महंत तिवारी ने मोहन भागवत के बयान पर जाहिर की नाराजगी


इतना ही नहीं, पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने RSS प्रमुख मोहन भागवत के हर मस्जिद में शिवलिंग ढूंढने वाले बयान पर भी हमला बोला. इस बीच ज्ञानवापी में जालभिषेक करने की मांग को लेकर अन्न जल त्याग चुके स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद की तबीयत की जांच डॉक्टरों की एक टीम ने की. अविमुक्तेश्वरानंद 4 जून को अपने समर्थकों के साथ जलाभिषेक के लिए अपने मठ से निकले थे लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया, जिसके बाद वो अनशन पर बैठ गए. 


आरएसएस प्रमुख ने क्या कहा था?
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि ज्ञानवापी विवाद में आस्था के कुछ मुद्दे शामिल हैं और इस पर अदालत का फैसला सर्वमान्य होना चाहिए. उन्होंने कहा कि हर मस्जिद में शिवलिंग तलाशने और रोजाना एक नया विवाद खड़ा करने की जरूरत नहीं है. संघ प्रमुख ने कहा, 'अब ज्ञानवापी मस्जिद (वाराणसी) का मामला चल रहा है. इतिहास को हम बदल नहीं सकते. वो इतिहास हमारे द्वारा नहीं बनाया गया और ना ही आज के हिंदुओं और मुसलमानों द्वारा बनाया गया. यह उस समय हुआ, जब इस्लाम आक्रांताओं के साथ भारत आया. आक्रमण के दौरान, स्वतंत्रता चाहने वाले लोगों के धैर्य को कमजोर करने के लिए मंदिरों को नष्ट कर दिया गया. इस तरह के हजारों मंदिर हैं.'


चार जुलाई को होगी अगली सुनवाई
गौरतलब है कि वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी परिसर की वीडियोग्राफी कर सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था और हिंदू पक्ष ने इस दौरान एक शिवलिंग मिलने का दावा किया था. हालांकि मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वह वस्तु वजूखाना में मौजूद फव्वारे का हिस्सा है. काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर अगली सुनवाई चार जुलाई को होनी है.  


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