Ghazipur News: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गाजीपुर के श्मशान घाट का किया लोकार्पण, बोले- मृत्यु भी है एक संस्कार
बुधवार को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने गाजीपुर में तमाम सुविधाओं से लैस श्मशान घाट का वर्चुअल मोड में उद्घाटन किया. इस बैकुंठ धाम का सुंदरीकरण में 4 करोड़ 10 लाख रुपये की लागत आई है.
Ghazipur News: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जनपद के अति प्राचीन श्मशान घाट पर उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. गौरतलब है कि इस श्मशान घाट पर शवदाह के लिए गाजीपुर जनपद ही नहीं बल्कि पड़ोस के जिले से लोग परिजनों का अंतिम संस्कार करने आते हैं. जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने रेल राज्य मंत्री रहते हुए 4 करोड़ 10 लाख रुपए की लागत से बैकुंठ धाम के निर्माण की घोषणा की थी जो महीनों पहले बनकर तैयार हो गया था. बुधवार को वर्चुअल मोड में मनोज सिन्हा ने इस बैकुंठ धाम का लोकार्पण किया.
जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने क्या कहा?
जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि, "इस मुक्ति धाम के सुन्दरीकरण एवं जीर्णोद्धार के कार्यक्रम मे मैं स्वयं उपस्थित रहना चाहता था लेकिन परिस्थितियों के कारण यह संभव नही हो पाया है." मनोज सिन्हा ने वर्चुअली शिलापट्ट का अनावरण करते हुए कहा की सनातन धर्म की व्यवस्था मे यज्ञोपवीत सहित विवाह के साथ साथ मृत्यु को भी एक संस्कार कहा गया है.जन्म और मृत्यु को सत्य के रूप मे जाना जाता है. मृतक के अंतिम यात्रा मे शामिल लोगों को सुविधा मिले क्योंकि मुक्तिधाम एक ऐसा स्थल है जहां मनुष्य की क्षणभंगुरता और जीवन की सच्चाई के प्रति सोच और गम्भीर होती है. उन्होंने कहा कि मुक्तिधाम पर गरिमापूर्ण अंत्येष्टि के विचारों के निहितार्थ इस कार्य को पहले ही पुर्ण हो जाना था लेकिन कोरोना काल के कारण लगभग डेढ़ वर्ष की देरी हुई.
अत्येष्टि स्थल पर सभी सुविधाएं कराई गई हैं उपलब्ध
उन्होंने कहा की यहा अपनी तरह का पहला मुक्ति स्थल है जहां अंत्येष्टि के मानवाधिकार को सुरक्षित रखने का प्रयास सहित शुद्ध पेय जल,सुविधा समपन्न शवदाह स्थल,विश्राम स्थल,शौचालय सहित सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराई गयी हैं. उन्होंने यहां गंगा तट के खाली जमीन पर पौधों के रख रखाव के साथ ही सुरक्षा और संरक्षा के लिए एक समिति के गठन पर बल दिया और कहा कि इस स्थान की स्वच्छता कैसे बनी रहे यह चुनौती है और इसे कोई एक व्यक्ति नही बल्कि ये हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है.
ये भी पढ़ें