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Kanpur: प्रशासन से नाराज युवक ने खुद खोदी अपनी कब्र, किया जिंदा दफ्न होने का अजीब फैसला
UP News: इस शख्स का नाम इसरारूल हसन है. पुलिस और प्रशासन की लापरवाही के चलते हसन इतना टूट चुका था कि इसने अपने आप को जिंदा जमीन में दफ्न करने का फैसला कर लिया था.
UP News: उत्तर प्रदेश सरकार भले ही यहां सुशासन और न्याय व्यवस्था की बातें करती हो, लेकिन अधिकारियों की कार्यशैली के आगे सरकार की नीतियां व दलीलें बौनी नजर आती हैं. कानपुर देहात के भोगनीपुर तहसील के अंतर्गत आने वाला दुधनिया पुर गांव अचानक से आज चर्चा का विषय बन गया. इस गांव में एक शख्स खुद की कब्र खोदकर अपने आप को जिंदा दफन करने पर अमादा था. युवक की इस हरकत को देखकर पूरा गांव हैरत में था.
इस शख्स का नाम इसरारूल हसन है. पुलिस और प्रशासन की लापरवाही के चलते हसन इतना टूट चुका था कि इसने अपने आप को जिंदा जमीन में दफ्न करने का फैसला कर लिया. इस बात का पता चलते ही दुधनिया पुर गांव में हजारों लोगों की भीड़ इकट्ठी हो गई थी. पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंच स्थिति को संभाला और इसरारूल हसन को खुद को जिंदा दफ्न करने से रोक लिया.
क्या है पूरा मामला
भोगनीपुर तहसील का रहने वाला इसरारूल हसन अपनी समस्या के समाधान के लिए पिछले कई दिनों से शासन प्रशासन और पुलिस के चक्कर काट रहा था. दरअसल हसन का अपने पड़ोसी से आपसी विवाद चल रहा था. एक मकान के छज्जे को बनाने को लेकर दोनों ही पक्ष का आपस में विवाद चल रहा था. दूसरा पक्ष ज्यादा मजबूत होने के चलते निर्माण कार्य को नहीं रोक रहा था. वहीं हसन इस बात को लेकर लगातार भोगनीपुर एसडीएम और नजदीकी देवराहा थाने में गुहार लगा रहा था. हालांकि लाखों कोशिशों के बाद भी कोई उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया. जिसके बाद उसने ये अजीब फैसला किया. हसन के इस कदम से शासन-प्रसाशन के अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं.
पुलिस ने मौके पर पहुंच संभाली स्थिति
एडिशनल एसपी कानपुर देहात घनश्याम चौरसिया के मुताबिक, इसरारूल हसन सरकारी महकमे से इस कदर परेशान हो चुका था कि उसने मौत को गले लगाना बेहतर विकल्प समझा. हालांकि इस मामले की जानकारी मिलते ही आला अधिकारियों का अमला और पुलिस अधिकारियों की टीम मौके पर पहुंच गई और इसरार उल को रोक लिया.
पीड़ित के साथ-साथ प्रशासन और पुलिस ने विपक्ष के लोगों को भी थाने में बुला लिया है. इस पूरे मामले में पुलिस ने दोषी पक्ष के साथ-साथ पीड़ित पक्ष पर भी मुकदमा लिख दिया है और दोनों ही पार्टी को 14 दिन के लिए जेल भेज दिया है. सवाल यह उठता है पीड़ित ने गुहार भी लगाई और मुकदमा लिखवा कर उसे जेल भी भेज दिया गया. पुलिस की इस कार्रवाई पर सवाल भी उठ रहे हैं.
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