रामपुर के नवाबों का पांच करोड़ का सिंहासन गायब, जड़े थे हीरे-जवाहरात
आखिरी नबाव रजा अली खान के बेटे नवेद मियां का कहना है कि सिंहासन की कीमत उन पक्षकारों से वसूली जाएगी जिनके कब्जे में नवाब का महल खास बाग पैलेस था.
रामपुर: भारत के आजाद होने के बाद 565 रियासतों का भारत में विलय हो गया था. लेकिन आज भी कई परिवारों में जायदाद को लेकर लड़ाई जारी है. यूपी में रामपुर के आखिरी नवाब रजा अली खान के हीरे-जवाहरात से जड़े एक सिंहासन के गायब होने का मामला सामने आया है.
रजा अली खान के बेट काजिम अली खान उर्फ नवेद मियां ने नवाब के सिंहासन के गायब होने का आरोप लगाया है. नवेद, रजा अली खान की संपत्ति को लेकर मुकदमे के पक्षकार भी हैं.
नवेद मियां के मुताबिक इस सिंहासन की कीमत करीब 5 करोड़ रुपये है. इसकी तस्वीरों और प्राप्त सूचनाओं के आधार पर इसका मूल्यांकन पांच करोड़ रुपये आंका गया है.
नवेद मियां ने कहा है कि सिंहासन की कीमत उन पक्षकारों से वसूली जाएगी, जिनके कब्जे में नवाब का महल खास बाग पैलेस था. नवेद मियां का कहना है कि सिंहासन दो थे. एक हामिद मंजिल में दरबार हॉल में रखा जाता था, वहीं दूसरा सिंहासन जो चांदी का था हामिद मंजिल में ही रखा हुआ था.
1949 में मर्जर के बाद दोनों सिंहासन खासबाग लाए गए थे. चांदी के सिंहासन को दरबार हॉल में रखा गया वहीं क्रिस्टल वाले सिंहासन को ब्लू रूम में रखा गया था. नवाब रजा अली खान का इंतकाल 1982 में हो गया था, जिसके बाद ये दोनों सिंहासन खास बाग में मौजूद रहे.
चांदी वाला सिंहासन गायब है और नवेद मियां ने उस सिंहासन के चोरी होने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा नवाब की मौत के बाद चांदी वाला सिंहासन गायब हो गया या तो उसे बेच दिया गया या बेटी के घर में गया या कहीं और मुझे नहीं पता. नवेद मियां का कहना है कि यह सिंहासन सिर्फ हमारे परिवार का हिस्सा नहीं था बल्कि यह इस देश की विरासत है.
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