Uttar Pradesh News: देश के विभिन्न शहरों को प्रत्येक वर्ष पर्यावरण के साथ साथ जल प्रदूषण से गुजरना पड़ता है. लेकिन इन वायु और जल प्रदूषण के अलावा हमारा ध्यान ध्वनि की तरफ नही जाता है. ध्वनि प्रदूषण आज के समय में उभरता हुआ, एक ऐसी परेशानी हैं जिससे हम सभी प्रभावित है.उत्तर प्रदेश पुलिस के एक रिपोर्ट में ध्वनि प्रदूषण को लेकर चौकाने वाले खुलासे हुए है. इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश पुलिस की 112 आपातकालीन सेवा को इस साल 'ध्वनि प्रदूषण' की 14,000 से ज्यादा शिकायतें मिली है.


पांच जिलों से की गई ज्यादा शिकायत


आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 36 प्रतिशत से ज्यादा ऐसी कॉल 75 में से केवल 5 जिलों से की गई, जिनमें लखनऊ सबसे आगे (1,509), इसके बाद गौतम बुद्ध नगर (1,095), गाजियाबाद (997), वाराणसी (857) और प्रयागराज (852) रहे.एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि कई जिलों में ज्यादातर शिकायतों का समाधान पुलिस प्रतिक्रिया वाहनों (पीआरवी) ने किया.अधिकांश शिकायतें डिस्कों जॉकी द्वारा शादियों में रात 10 बजे की समय सीमा के बाद तेज संगीत बजाने से संबंधित हैं.


ध्वनि प्रदूषण पर जनता में जागरूकता फैलाने के लिए चलाया जा रहा अभियान


अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (यूपी 112) अशोक कुमार सिंह ने कहा कि हेल्पलाइन सेवा ध्वनि प्रदूषण पर जनता में जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान चला रही है.सिंह ने कहा कि तय समय के बाद तेज संगीत या शोर के कारण परेशान होने वाले लोग मामले की रिपोर्ट 112 पर कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि शोर के खिलाफ की गई कॉलों की संख्या से संकेत मिलता है कि लोग खतरे के बारे में जागरूक हो रहे हैं.


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