नोएडा: धर्म परिवर्तन के मामले में नोएडा डेफ सोसायटी का नाम सामने आने के बाद नोएडा पुलिस और STF भी सक्रिय हो गई है. यही वजह है कि डेफ सोसायटी स्कूल की संचालिका रूमा रोका से पुलिस संपर्क कर सच जानने की कोशिश कर रही है. एबीपी गंगा की टीम नोएडा डेफ सोसायटी स्कूल पहुंची और धर्म परिवर्तनन मामले में स्कूल की भूमिका जानने की कोशिश की.
लोगों ने किया प्रदर्शन
जब लोगों को इस बात की जानकारी हुई कि नोएडा डेफ सोसायटी धर्म परिवर्तन में भी संलिप्त है तो उन्होंने स्कूल के बाहर आकर जमकर प्रदर्शन भी किया. प्रदर्शन की सूचना मिलने के बाद नोएडा पुलिस मौके पर पहुंची. प्रदर्शन कर रहे लोगों की मांग थी कि मुख्यमंत्री ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करें ताकि ऐसा कृत्य करने वालों के लिए कार्रवाई नजीर साबित हो.
शुरुआती जांच में सामने आई ये बात
नोएडा पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि नोएडा डेफ सोसायटी का संचालन रूमा रोका नाम की एक महिला कर रही है. रूमा रोका की पहचान नोएडा में एक समाज सेविका के रूप में है. करीब 10 सालों से रूमा रोका मूक-बधिर बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम चलाती रही है. 2018 में उसने सेक्टर 117 में डेफ सोसायटी स्कूल की स्थापना की और यहीं पर मूक-बधिर बच्चों को शिक्षा देने का कार्य प्रारंभ किया.
स्कूल की भूमिका संदिग्ध
यूपी एटीएस ने जब आरोपी मुफ्ती कादरी जहांगीर और मोहम्मद उमर गौतम को गिरफ्तार कर ये खुलासा किया कि इन लोगों ने अब तक करीब 1000 मूक-बधिर लोगों का धर्म परिवर्तन कराया है, जिसमें 2 बच्चे नोएडा डेफ सोसायटी के भी हैं. ये बच्चे कानपुर और गुरुग्राम के रहने वाले हैं. इसी के बाद नोएडा डेफ सोसायटी स्कूल सवालों के घेरे में आया. स्कूल की भूमिका संदिग्ध मानते हुए नोएडा पुलिस और एसटीएफ जांच में जुट गई है.
कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध
शुरुआती जांच में ये पता चला है कि नोएडा डेफ सोसायटी के 2 कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध है. बताया जा रहा है कि यही दो कर्मचारी एटीएस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपियों के संपर्क में थे. यही मूक-बधिर बच्चों की डिटेल उन्हें देते थे और बताते थे कि कौन बच्चा आसानी से धर्म परिवर्तन के लिए मान जाएगा. जिसके बाद दोनों आरोपी लिस्ट तैयार करते थे और बच्चों से मिलकर उन्हें प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन कराते थे. अगर नहीं मानते थे तो डरा धमकाकर भी धर्म परिवर्तन कराया जाता था. फिलहाल नोएडा पुलिस पूरे मामले की जांच कर सच्चाई का पता लगाने की कोशिश कर रही है. ताकि, तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सके.
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