Jallianwala Bagh Massacre: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने जालियांवाला बाग हत्याकांड में शहीद हुए अमर बलिदानियों को याद करते हुए उन्हें नमन किया है. सीएम योगी ने ट्वीट किया "देश की स्वतंत्रता हेतु अपने प्राणों की आहुति देने वाले 'जलियांवाला बाग' के अमर बलिदानियों को कोटिश: नमन. मां भारती के वीर सपूतों का बलिदान स्थल 'जलियांवाला बाग' चिरकाल तक हर भारतवासी के हृदय में राष्ट्र सेवा की ज्योति जागृत करता रहेगा."
बहुत दर्दनाक थी ये घटना
13 अप्रैल 1919 को पंजाब (Punjab) के अमृतसर (Amritsar) में हुए जालियांवाला बाग हत्याकांड को आज 103 साल पूरे हो गए. बैसाखी के इस दिन क्रूर अंग्रेजों ने सैकड़ो भारतीयों की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी थी. इतिहास के पन्नो में दर्ज अंग्रेजों के अत्याचार की यह घटना भारतीयों को क्रोध, दुख और गर्व से भर देती है. यह घटना इतनी दर्दनाक थी कि आज भी इसके बारे में सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं.
क्या थी घटना
जालियांवाला बाग में रॉलेट एक्ट और सत्यपाल व सैफुद्दीन किचलू की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी. इसमें काफी संख्या में लोग पहुंचे थे. अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने नहत्थे लोगों पर गोलियां चलवा दी. जान बचाने के लिए निहत्थे लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला. पार्क से बाहर निकलने के लिए एक संकरा सा रास्ता था इसे भी अंग्रेज सिपाहियों ने बंद कर दिया था. 10 मिनट तक बाग को घेरे अंग्रेजों ने चारो तरफ से गोलियां बरसाईं. कुछ लोग तो अपनी जान बचाने के लिए कुंए में कूद गए. ब्रिटिश सरकार की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस घटना में 379 लोग मारे गए थे जबकि 1200 से अधिक लोग घायल हुए थे.