UP News: मेरठ के लोगों को बंदरों के आतंक से जल्द मिलेगी निजात, भगाने के लिए लगाए जाएंगे लंगूरों के कट आउट
Meerut News: मेरठ के कई इलाकों में बंदरों के आतंक से लोगों को छुटकारा दिलाने के लिए, वन विभाग ने शहर के कई जगहों पर लंगूरों के कटआउट्स लगाने का फैसला किया है.
Uttar Pradesh: मेरठ (Meerut) के कई इलाकों में बंदरों (Monkey) का आतंक से लोग परेशान हैं, स्थति यह है कि लोगों का घरों से निकलन दूभर हो गया है. लोगों ने बंदरों को भगाने के लिए प्रशासन (Administration) से कई बार गुहार भी लगाई, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. वहीं अब वन विभाग (Forest Department) की टीम ने बंदरों को भगाने के लिए एक नायाब तरीका खोज निकाला है, जिसके तहत शहर में अलग-अलग जगहों पर लंगूर (Langoor) के कटआउट्स (Cutouts) लगवाने का प्लान बनाया है. माना जाता है कि, बंदर लंगूर को देख कर डर जाते हैं.
वन विभाग की टीम लंगूरों के इन कटआउट्स को शहर के उन जगहों पर लगाएगा, जहां बंदरों का आतंक ज्यादा है. विभाग की टीम ने बीते दिसंबर 2021 में भी इस तरह के कटआउट्स शहर के कई स्थानों पर लगा चुका है, जबकि लखनऊ के मेट्रो स्टेशनों भी पर यह प्रयोग किया जा चुका है. वहीं विभाग को बंदरों को भगाने के लिए लगाये इन कटआउट्स से काफी हद तक कामयाबी भी मिली थी.
बंदरों को डराने के लिए लंगूरों का ही चयन क्यों?
जिन जगहों पर बंदरों का आतंक था, लोगों की शिकायत मिलने के बाद वन विभाग ने वहां लंगूरों के कटआउट्स के अलावा तेंदुआ के कटआउट्स भी लगाने की योजना थी. हालांकि किसी कारणवश यह संभव नहीं हो पाया था. वेसे लंगूरों को बंदरों की प्रजाति का होना, दूसरा उसके खतरनाक चेहरे और बंदरों में उनके प्रति डर की भावना के चलते लंगूरों के कटआउट्स लगाने की योजना है. विभाग ने इसके कामयाब होने पर दूसरे जानवरों के भी कटआउट्स के इस्तेमाल करने की बात कही है.
मीडिया में छपी खबर के मुताबिक, डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि, "कई इलाकों में इन कटआउट्स को लेकर प्रयोग होता रहा है, इसमें कामयाबी भी मिली है." उन्होंने आगे बताया कि, "अब लंगूर रखना प्रतिबंधित है, यही कारण है कि बंदर भगाने के लिए लंगूर नहीं ला सकते हैं. इसलिए लंगूरों का कटआउट्स लगावाया जा रहा है, शायद इससे कुछ कामयाबी मिले."
बंदरों के आतंक से मेरठ के यह इलाके हैं त्रस्त
मेरठ में वैसे तो शहरी और ग्रामीण ग्रामीण दोनों जगहों के लोग बंदरों के आतंक से परेशान है, लेकिन शहरी इलाकों के पाश कॉलोनियों से लेकर आम कॉलोनी तक में ज्यादा परेशान हैं. वहीं इस समस्या से निजात पाने के लिए ब्रम्हपुरी, सदर, साकेत, शास्त्री नगर, दिल्ली रोड पंजाबीपुरा समेत कई इलाकों के लोग शासन प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं.
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