Pilibhit News: जर्जर बसों के भरोसे है यात्रियों की जिन्दगी, नियमों का उल्लंघन कर रहा परिवहन निगम
पीलीभीत परिवहन निगम यात्रियों की जान जोखिम में डालकर सड़कों पर कंडम हो चुकी बसें दौड़ा रहा है. वहीं निगम के पास बसें खड़ी करने के लिए उचित जगह भी नहीं है इस कारण अक्सर यहां जाम की स्थिति बनी रहती है.
Pilbhit News: यूपी सरकार भले ही परिवहन नियमों का पालन कराने का दावा पेश कर रही हो लेकिन पीलीभीत (Pilibhit) जिले में उत्तर प्रदेश परिवहन निगम (Uttar Pradesh Transport Corporation UPSRTC) ही परिवहन व यातायात के नियमो का उल्लंघन कर रहा है. दरअसल परिवहन निगम द्वारा जर्जर बसों को हजारो यात्रियों की जान जोखिम में डाल कर चलाया जा रहा है, इतना ही नहीं रोडवेज के पास अपनी बसें खड़ी करने के लिए उचित स्थान भी नही है जिससे बस स्टेशन के बाहर बसों को बेतरतीब तरीके से खड़ा कर दिया जाता है. इस कारण जाम की स्थिति भी बन जाती है. वहीं पूरे मामले को लेकर एआरएम ने बताया कि शासन को कंडम हो चुकी बसों की नीलामी के लिए पत्रावली भेजी गई है जल्द ही नई बसे उपलब्ध हो जाने की उम्मीद है.
पीलीभीत में परिवहन के पास कुल 106 बसें है
बता दें कि पीलीभीत में अपनी आयु सीमा पार कर चुकी रोडवेज की बसें जर्जर हालात में बिना फिटनेस के ही सड़को पर दौड़ती नजर आ रही है. वहीं यात्री जान जोखिम में डालकर कंडम हो चुकी बसों में सफर करने को मजबूर है. गौरतलब है कि पीलीभीत में परिवहन के पास कुल 106 बसें है जिसमें 94 बसे परिवहन निगम की है और 10 अनुबंधित बसे हैं. इनमें से लगभग 70 बसें अपनी आयु सीमा पूरी कर 18 लाख किलोमीटर चल चुकी हैं. वहीं 11 लाख किलोमीटर चलने के बाद नियमानुसार उनकी नीलामी हो जानी चाहिए लेकिन अब तक उनकी नीलामी नहीं हो सकी है.
क्यों पीलीभीत परिवहन निगम जर्जर बसों को सड़कों पर दौड़ा रहा है?
वहीं जर्जर बसें सड़कों पर दौड़ाना उत्तर प्रदेश परिवहन निगम पीलीभीत की मजबूरी भी है. क्योंकि परिवहन निगम में संविदा पर 151 चालक व 171 कंडक्टर के साथ-साथ 28 चालक रेगुलर और 25 परिचालको का मानदेय इन्हीं खटारा बसों से मिल पाता है. उत्तर प्रदेश परिवहन निगम में संचालित बसों से प्रति बस 25 से 30 हजार रुपये कमाई होती है लेकिन इन खराब हो चुकी जर्जर बसों के मेंटेनेंस में खर्च भी काफी आता है हर रोज खटारा हो चुकी बसों के लिए परमानेंट मैकेनिक भी रास्ते मे चाहिए क्योंकि अक्सर बसें रास्ते मे ही दम तोड़ देती हैं. वहीं किलोमीटर के हिसाब से चलने के बाद ही इन बसों से होने कमाई से सभी कर्मचारियों का वेतन भी निकलता है.
एआरएम ने कंडम बसों की नीलामी को लेकर क्या कहा?
वहीं यात्री गिरीश कुमार बताते हैं कि उसे लखीमपुर जाना है और बसों का इंतजार करते-करते दोपहर से शाम हो गई लेकिन कोई बस नहीं चली है. वैसे तो यहां कई बसें खड़ी हैं लेकिन जाने वाली कोई नहीं है. कोई बस वर्कशॉप पर है तो कोई बाहर गई हुई है. अब सुबह 5:00 बजे ही उसको लखीमपुर के लिए रोडवेज बस मिलेगी वह भी किस कंडीशन में होगी इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता. हालांकि रोडवेज की बसें रास्ते में ही कई बार बंद हो जाती है जिसकी वजह से यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. वहीं एआरएम रोडवेज विजय कुमार गंगवार का कहना है कि, उनकेनिगम पर इस समय कुल 106 बसें हैं, जिनमे से 96 निगम की हैं. इनमें से कुछ बसें ठीक नही है जिनको लेकर नीलामी प्रक्रिया हेतु शासन को पत्रावली भेजी गई है. जल्द ही नई बसों का संचालन देखने को मिलेगा.
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