Women Voters In UP Election 2022: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज महिलाओं का विशेष कुंभ आयोजित करने जा रहे हैं. मातृ शक्ति महाकुंभ के नाम से हो रहे इस आयोजन में पूरे उत्तर प्रदेश से अलग-अलग क्षेत्र की ढाई लाख से ज्यादा महिलाओं को बुलाया गया है. यूपी में आधी आबादी पर इस बार पूरा जोर लगाया जा रहा है. बीजेपी, एसपी और कांग्रेस सब महिला वोटरों को अपने-अपने पाले में करने को कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में सवाल ये कि आखिर महिला वोटरों का आशीर्वाद किसे मिलेगा? दरअसल महिला वोटरों को बीजेपी का साइलेंट वोटर माना जाता है लेकिन प्रियंका के चालीस वाली चुनावी चाल ने बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है. वहीं अखिलेश भी अपनी रथ यात्रा में लगातार महिलाओं सुरक्षा की बात कर महिलाओं को अपने खेमे में करने की कोशिश कर रहे हैं. साफ है कि यूपी में आधी आबादी पर लड़ाई पूरी है. अब जरा इस लड़ाई की इनसाइड स्टोरी समझिए... यूपी में आधी आबादी का आशीर्वाद जिस पार्टी को मिलता है वहीं पार्टी सत्ता के शिखर पर पहुंचती है.
यूपी में हैं 6.66 करोड़ महिला मतदाता
उत्तर प्रदेश में 2012 के विधानसभा चुनावों में पहली बार महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत पुरुषों से ज्यादा रहा. उस चुनाव में 60 फीसदी से ज्यादा महिलाओं ने वोट डाले. इस चुनाव से पहले अखिलेश यादव ने लड़कियों को मुफ्त शिक्षा और महिलाओं को दो साड़ी बांटने का वादा किया था. नतीजा आधी आबादी के आशीर्वाद से अखिलेश की सरकार बनी. पहली बार एसपी ने अपने अकेले के दम पर सरकार बनाई.
अखिलेश को 403 में से 224 सीटें मिली थी. इसी तरह 2017 में जब चुनाव हुए तो बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में ग्रेजुएशन तक लड़कियों को मुफ्त शिक्षा देने का वादा तो किया ही, साथ ही इसमें ट्रिपल तलाक का मुद्दा उठाया. हर घर में शौचालय और गैस कनेक्शन का वादा किया. चुनाव हुए तो महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत करीब 64 तक गया. परिणाम ये कि यूपी में बीजेपी की बंपर बहुमत वाली सरकार बनी. बीजेपी को 403 में से 312 सीटें मिली थीं.
चुनाव आयोग के 2020 में आए इलेक्टोरल रोल के डेटा के मुताबिक, यूपी में 14 करोड़ 51 लाख मतदाता है. इसमें से 7.85 करोड़ पुरुष और 6.66 करोड़ महिलाएं हैं. एक तरह से 45 फीसदी महिला वोटर हैं. यही वजह है कि सियासी पार्टियां महिला वोटरों को साधने की कोशिश में जुटी है.
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