Uttar Pradesh News: कांग्रेस ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अपना वर्चस्व बढ़ाने के पीछे की मंशा अपने भावी सहयोगियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने की रणनीति है. कांग्रेस पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि इससे लोकसभा की सीटों के बंटवारे में दबाव बनाना आसान होगा . पिछले दिनों विभिन्न दलों से होकर वापस अपने घर पहुंचे पूर्व विधायक इमरान मसूद का कांग्रेस में आना भी इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.


सीट बंटवारे को लेकर उहापोह की स्थिति
देश में इंडिया गठबंधन बनने के बाद उत्तर प्रदेश में सीटों के बंटवारे को लेकर के उहापोह की स्थिति बनी हुई है . कौन कितनी सीट पाएगा और कौन कितनी सीट देगा इसको लेकर सभी दल अपनी अपनी रणनीति बना रहे हैं .पिछले दिनों समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने अपना दबदबा बराकर रखने के लिए कह दिया था कि उत्तर प्रदेश में वह सीट बांटने वाले हैं , यानी कि वह यहां पर बड़े दल के रूप में है और वह जितनी सीट छोड़ेंगे उतने पर ही कांग्रेस और आरएलडी समेत गठबंधन के दल लड़ेंगे. कांग्रेस पार्टी ,राष्ट्रीय लोक दल और समाजवादी पार्टी तीनों फिलहाल अभी अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं. वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सभी 80 सीटों पर चुनाव के लिए तैयारी करने का दावा कर रहे हैं. उनका कहना है सीटों के मसले में आखिरी फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा.


इमरान के आने से कांग्रेस को क्या फायदा
कांग्रेस पार्टी ने पश्चिमी यूपी में मुस्लिम मतों पर अपनी दावेदारी मजबूत करने के लिए पूर्व विधायक इमरान मसूद को आगे कर दिया है. पार्टी का मानना है कि इमरान के आने से समाजवादी पार्टी और रालोद पर वह दबाव बना पाएंगे. उसका यह भी मानना है कि मुसलमानों में कांग्रेस के प्रति बढ़ते रुझान से राष्ट्रीय लोकदल का रुख नरम हुआ है इसलिए पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि पश्चिमी यूपी में समाजवादी पार्टी का एमवाई वोट बैंक उतना मजबूत नहीं है जितना वह पूर्वांचल में है .


वहां यादवों की आबादी अपेक्षाकृत कम होने से समाजवादी पार्टी पश्चिमी यूपी में कभी उतनी मजबूत नहीं रही है. माना यह भी जा रहा है कि इसी के मद्देनजर कांग्रेस ने अपना ये दांव चला है. इमरान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी छोड़कर समाजवादी पार्टी में चले गए थे लेकिन सपा ने उन्हे टिकट नहीं दिया था फिर वह बहुजन समाज पार्टी में शामिल हुए लेकिन बसपा में रहते हैं उन्होंने राहुल गांधी की तारीफ की और इस कारण उनका निष्कासन भी हुआ अब वह वापस कांग्रेस में वापस आ गए है.