UP News: प्रतापगढ़ (Pratapgarh) में महज इक्कीस दिन की सुनवाई में दुष्कर्म के आरोपी को मृत्यु होने तक आजीवन कारावास की सजा दी गई है. यहां विशेष न्यायाधीश पॉस्को पंकज श्रीवास्तव ने विशेष सहायक लोक अभियोजक देवेश चन्द्र त्रिपाठी की पैरवी पर सजा सुनाई है. इस ऐतिहासिक फैसले में न्यायालय के साथ ही पुलिस की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. जिसके चलते इतने कम समय में इस मामले के आरोपी को उसके अंजाम तक पहुंचाया जा सका है.
इस मामले में देवेश चन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि घटना तीन जून की है. यहां दुष्कर्म के आरोपी चालीस वर्षीय राज कुमार मौर्य उर्फ खुटानी है. वो नगर कोतवाली इलाके में रहने वाले अपने मुकदमे की पैरवी के लिए अधिवक्ता के घर पहुंचा. अधिवक्ता के बारे में पूछा तो अधिवक्ता की ग्यारह वर्षीय बेटी ने बताया कि मम्मी-पापा घर पर नहीं हैं. इसके बाद दुष्कर्मी की नीयत खराब हो गई. तब तक मासूम का आठ वर्षीय छोटा भाई भी नजर आ गया. जिसे दुष्कर्मी ने किचेन में बंद कर दिया. मासूम को अपनी हवस का शिकार बना डाला.
बच्ची ने बयां किया दर्द
परिजनों के घर पहुंचने पर मासूम पीड़िता ने पूरी आपबीती बताई. जिसके बाद परिजन नगर कोतवाली पहुंच गए और नामजद मुकदमा दर्ज कराया. पुलिस ने मासूम का मेडिकल कराकर दुष्कर्मी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. चूंकि अधिवक्ता का मामला था, पुलिस ने शीघ्र ही विवेचना पूर्ण कर अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया और ताबड़तोड़ सुनवाई हुई.
वहीं गवाही के बाद चौबीस तारीख को अदालत ने दुष्कर्मी को दोष सिद्ध पाया और पच्चीस तारीख को फैसला सुना दिया. फैसले में मासूम की बहादुरी का उल्लेख करते हुए लिखा कि मासूम ने बहादुरी से पूरी घटना अदालत के सामने सुनाई. उस वक्त मासूम रोती रही लेकिन हिम्मत नहीं हारी. बताया जाता है कि दुष्कर्मी का अक्सर घर आना जाना होता था, इसके चलते मासूम उसे पहचानती थी. जिसके चलते दुष्कर्मी की आसानी से पहचान उजागर हो गई.
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