प्रयागराज: कोरोना संकट के बीच संगम नगरी प्रयागराज में आज से माघ मेले की शुरुआत हो गई है. 47 दिनों तक चलने वाले आस्था के इस मेले में इस बार भी कई करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है. आज मकर संक्रांति से शुरू होने वाला आस्था का यह मेला 1 मार्च को महाशिवरात्रि तक चलेगा.  हालांकि इस बार के मेले पर कोरोना का साया साफ तौर पर नजर आ रहा है. दरअसल मेले में इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ पिछले कुछ सालों के मुकाबले कम आ रही है.  मेला प्रशासन ने यहां कॉविड प्रोटोकॉल का पालन कराने के सख्त निर्देश दिए हैं, लेकिन यह सभी नियम कानून ग्राउंड के बजाय सरकारी फाइलों पर ही नजर आ रहे हैं.


मेले में कोविड प्रोटोकॉल का हो रहा जमकर उल्लंघन


बता दे कि मेला शुरू होने से कुछ घंटे पहले ही संगम पर हजारों की भीड़ आस्था की डुबकी लगाने तो पहुंच गई लेकिन इनमें से इक्का-दुक्का को छोड़कर कोई भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करता नजर नहीं आया. दूसरी तरफ माघ मेले में स्वास्थ्य विभाग के नोडल अफसर डॉ ऋषि सहाय ने दावा किया कि सभी इंतजाम पुख्ता तौर पर किए गए हैं और मेले में कोरोना को काबू में रखने की कोशिश की जाएगी.


माघ मेले में कोरोना का कहर


गौरतलब है कि माघ मेले में कोरोना अब तेजी से पांव पसारने लगा है. यहां गुरुवार को 38 और लोगों की कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. इसके साथ ही माघ मेले में एक्टिव केस बढ़कर 51 हो गए हैं. इससे मेले में हड़कंप मच गया है. यह हाल तब है जब अभी मेले में श्रद्धालुओं के जत्थे नहीं आ रहे हैं. वहीं जांच सिर्फ़ बाहर से आने वाले पुलिस कर्मियों की ही हो रही है.


कोरोना के खतरे के बावजूद मेले में लगाए जा रहे झूले और प्रदर्शनी


माघ मेले में एक तरफ़ तो आस्था के नाम पर लाखों की भीड़ जुटाकर लोगों की ज़िंदगी व सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है तो वहीं आस्था के इस मेले में कमाई के लिए तमाशेबाजी की भी तैयारी है. बता दें कि मेले में पौने दो करोड़ का टेंडर निकालकर दो दर्जन से ज़्यादा झूले व प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है. इसमें रोज़ाना हज़ारों की भीड़ जुटने की उम्मीद है. सवाल यह है कि आस्था के मेले में इन झूलों का क्या काम है ?


माघ मेले पर रोक की याचिका पर अर्जेंसी बेसिस सुनवाई से हाईकोर्ट ने किया इनकार


वहीं इससे पहले गुरुवार को माघ मेले पर रोक लगाए जाने की मांग को लेकर दाखिल की गई जनहित याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अर्जेंसी बेसिस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया. हाईकोर्ट ने कहा याचिका में अर्जेंसी के लायक पर्याप्त आधार नहीं दिए गए हैं. इस मामले को रेगुलर केस मानकर ही सुनवाई की जाएगी. इस मामले में अब सोमवार को सुनवाई होने की उम्मीद है.


बता दें कि पर्यावरणविद उत्कर्ष मिश्र ने मेले पर कोविड के मद्देनजर रोक लगाए जाने या फिर श्रद्धालुओं की संख्या सीमित किए जाने की मांग को लेकर जनहित याचिका दाखिल की थी. गुरुवार को अलग अर्जी दाखिल कर इस मामले को अर्जेंट बेसिस पर सुनवाई किए जाने की गुहार लगाई गई थी लेकिन हाई कोर्ट ने अजेंसी बेसिस पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है. वहीं सुनवाई टलने से यूपी सरकार को राहत मिली है.


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