UP News: छत्तीसगढ़ (chhattisgarh) और दिल्ली (Delhi) की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों (Primary School) में भी छात्रों को प्रकृति, समाज और देश के प्रति अधिक संवेदनशील बनाने के लिए ‘हैप्पीनेस करिकुलम’ ( Happiness Curriculum) को पायलट प्रोजेक्ट के तहत लागू करने की तैयारी चल रही है.ये जानकारी अधिकारियों ने दी है.राज्य शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान (State Institute of Educational Management and Training) में छह दिवसीय वर्कशॉप में भाग लेने आए राज्य प्रभारी (Happiness Curriculum) सौरभ मालवीय ने पीटीआई को बताया कि उत्तर प्रदेश की भौगोलिक और सांस्कृतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कोर्स को विकसित किया जा रहा है.
हैप्पीनेस करिकुलम कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए होगा
मालवीय ने कहा कि कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए हैप्पीनेस करिकुलम ऑफर किया जाएगा. यह उन्हें अपने, परिवार, समाज, प्रकृति और देश से जुड़ने में सक्षम बनाएगा. इससे उन्हें इंटररिलेशनशिप को समझने में भी मदद मिलेगी, मालवीय ने कहा, बच्चों को मेडिटेशन भी सिखाया जाएगा.
15 जिलों के 150 स्कूलों को करिकुलम पर काम करने के दिए गए हैं निर्देश
पायलट प्रोजेक्ट के तहत 15 जिलों के 150 स्कूलों को करिकुलम पर काम करने को कहा गया है. उन्होंने बताया कि कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए पांच पुस्तकें तैयार की जाएंगी इसी क्रम में 32 शिक्षकों की कार्यशाला आयोजित कर पाठ्यक्रम की विषय वस्तु तैयार की जा रही है.
अप्रैल 2022 से शुरू होने वाले सेशन में करिकुलम लागू होने की हो रही तैयारी
वहीं इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक वर्कशॉप में ट्रेनर के रूप में भाग लेने वाले श्रवण शुक्ला ने कहा कि अप्रैल 2022 से शुरू होने वाले अगले सेशन से पाठ्यक्रम को लागू करने की तैयारी चल रही है.शुक्ला ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 1 लाख 30 हजार प्राथमिक विद्यालय हैं जहां सात लाख शिक्षक कार्यरत हैं. उन्होंने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के मूल्यांकन के आधार पर राज्य सरकार सभी स्कूलों में हैप्पीनेस करिकुलम लागू करने पर विचार कर सकती है.
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