यूपी: एक किडनी और रफ्तार में उसैन बोल्ट को दे सकता है मात, राम हरक के हौसले की कहानी सुनकर दंग रह जाएंगे आप
राम हरक एक स्टेडियम में चपरासी का काम करता है. वह आने जाने वाले लोगों के लिये गेट खोलता है. पांच हजार रुपये की मामूली सी तनख्वाह लेकिन परवाह नहीं. दौड़ने की लगन ऐसी कि दुनिया के सबसे तेज धावक को भी मात दे सकता है. पढ़िये, हौसले की ये हैरान कर देने वाली कहानी
लखनऊ (संतोष कुमार). कहावत है 'हिम्मत ए मर्दा मदद ए खुदा', हिम्मत से दुनिया को जीतने की बातें की जाती हैं, लेकिन हमारे ही आसपास कई ऐसे लोग होते हैं, जो जरा सी मुश्किल में जिंदगी जीना तो दूर जिंदगी से ही नाता तोड़ने का गलत फैसला ले लेते हैं. एक परेशानी से जिंदगी में मायूस होने वालों के लिए एबीपी गंगा एक ऐसे युवा से मिलाने जा रहा है जिसके पास ना तो पैसा है और ना ही स्वस्थ शरीर। लेकिन अगर है तो सिर्फ हौसला, जिसने अपने गुर्दे खराब होने बाद हार नहीं मानी और अब वो खेल की दुनिया में अपना और अपने देश का नाम रोशन करना चाहता है.
पांच हजार तनख्वाह की नौकरी करता है राम हरक
गोमती नगर के विनीत खंड 4 के मिनी स्टेडियम के गेट पर हर आने जाने वाली गाड़ी के लिए राम हरक यादव गेट खोलता, बंद करता है. राम हरक इस मिनी स्टेडियम में पांच हजार तनख्वाह वाली संविदा पर चपरासी की नौकरी करता है. देखने में आम इंसान की तरह नजर आने वाले राम हरक में एक ऐसी कमी भी है, जो अब उसके लिए बाधा नहीं ताकत है. अक्टूबर 2013 में पीलिया की शिकायत के चलते राम हरक की दोनों किडनी खराब हो गई थीं. 16 सितंबर 2014 को लखनऊ के एसजीपीजीआई में राम हरक का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ. ट्रांसप्लांट के बाद लंबी और स्वस्थ जिंदगी नहीं रह जाने की शिकायत करने वालों के लिए राम हरक एक प्रेरणा है.
उसैन बोल्ट को दे सकता है मात
ट्रांसप्लांट के बाद राम हरक ने हिम्मत नहीं छोड़ी और उसने खेल की तरफ अपना ध्यान लगा दिया. नतीजा जिस मिनी स्टेडियम में वो चपरासी का काम करता है, उसी में शाम को प्रैक्टिस करता है और अब राम हरक थाईलैंड खेलने जा रहा है. 30 नवंबर को मुंबई में हुए 12वें नेशनल ट्रांसप्लांट गेम्स में राम हरक ने रजत पदक जीता. अब वह एशियन ट्रांसप्लांट गेम्स में थाईलैंड जाने वाला है. दिन रात तक उसी की प्रैक्टिस में लगा है. 100 मीटर की स्प्रिंट लगाने वाला राम हरक का टाइमिंग जमैका के उसैन बोल्ट से सिर्फ 7 सेकंड ज्यादा है. राम हरक इस दूरी को 16.30 सेकंड में पूरी करता है जबकि उसैन बोल्ट का 9.58 सेकंड में.
कोरोना के चलते 3 अप्रैल से 10 अप्रैल के बीच थाईलैंड में होने वाला एशियन ट्रांसप्लांट गेम्स कब होगा यह राम हरक नहीं जानता. लेकिन गेम्स में वह मेडल जीते, देश का नाम रोशन हो, तिरंगा लहराए, इसके लिए रोज शाम पसीना बहाता है. प्रैक्टिस के दौरान वह भूल जाता है कि वो किडनी पेशेंट है, सिर्फ एक किडनी पर वह चल रहा है.
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