Domestic Violence: घरेलू हिंसा के मामले में शीर्ष पर पहुंचा उत्तर प्रदेश, डेटा से जानें अन्य राज्यों की स्थिति
Ddomestic Violence: राजस्थान और आंध्र प्रदेश घरेलू हिंसा के मामले में दूसरे व तीसरे स्थान पर रहे. अन्य राज्यों की स्थिति भी कुछ खास अच्छी नहीं है.
Domestic Violence: घरेलू हिंसा के मामले में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर पहुंच गया है. केंद्र ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि प्रदेश में अब तक घरेलू हिंसा के 65,481 मामले दर्ज किए गए. वहीं राजधानी दिल्ली में घरेलू हिंसा के 3,564 मामले सामने आए. सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने राज्यों से प्राप्त डेटा को जस्टिस यू यू ललित, एस आर भट और पीएस नरसिम्हा की पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया. हलफनामे के अनुसार घरेलू हिंसा के 38 हजार 381 मामलों के साथ राजस्थान दूसरे और 37 हजार 876 मामलों के साथ आंध्र प्रदेश तीसरे स्थान पर है.
अन्य राज्यों की स्थिति भी बेहतर नहीं
महाराष्ट्र में 16 हजार 168, मध्य प्रदेश में 16 हजार 384, केरल में 20 हजार 826, असम में 12 हजार 739, कर्नाटक में 11 हजार 407 और पश्चिम बंगाल में 9 हजार 858 घरेलू हिंसा के मामले दर्ज हुए. पंजाब में 8 हजार 215 और हरियाणा में 7 हजार 715 घरेलू हिंसा के केस दर्ज किए गए. डीवी (घरेलू हिंसा) अधिनियम के प्रावधानों के कार्यान्वयन का समग्र ब्योरा देते हुए भाटी ने कहा, 'राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त जानकारी के अनुसार,पीडब्ल्यूडीवी अधिनियम के तहत कुल 2,95,601 शिकायतें / मुकदमे दर्ज किए गए हैं. जबकि 6289 अदालतों में इन मामलों की सुनवाई चली. हिंसा और संकट से प्रभावित महिलाओं की देखभाल के लिए 807 आश्रय गृह और 700 से अधिक वन स्टॉप सेंटर हैं.
वहीं, याचिकाकर्ता एनजीओ 'वी द वीमेन ऑफ इंडिया' की ओर से पेश अधिवक्ता शोभा गुप्ता ने पीठ को बताया कि इन मामलों से निपनेट के लिए सुरक्षा अधिकारियों की संख्या नाकाफी है और पीड़ित महिलाओं को समर्थन देने के लिए बुनियादी ढांचे की भारी कमी है.
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