Earthquake: क्या चंद्रग्रहण की वजह से आया भूकंप? ज्योतिष के जानकारों ने किया दावा, बताई वजह
Chandra Grahan 2022 and Surya Grahan 2022: ज्योतिष के जानकारों का यह भी दावा है कि जब-जब एक पक्ष में दो ग्रहण पड़ते हैं, तब तब इसी तरह की प्राकृतिक आपदाएं और अनिष्टकारी घटनाएं होती हैं.
Uttar Pradesh News: उत्तर भारत के कई हिस्सों में देर रात भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए. हालांकि इससे जानमाल का कोई नुकसान नहीं हुआ. वैज्ञानिकों के मुताबिक यह पृथ्वी में हलचल की सामान्य घटना है, जबकि धर्म व ज्योतिष के जानकारों का दावा है कि मंगलवार को पड़े चंद्रग्रहण के असर की वजह से यह भूकंप आया है. ज्योतिष के जानकारों का यह भी दावा है कि जब-जब एक पक्ष में दो ग्रहण पड़ते हैं, तब तब इसी तरह की प्राकृतिक आपदाएं और अनिष्टकारी घटनाएं होती हैं. एक पक्ष में दो ग्रहण (Chandra Grahan 2022 and Surya Grahan 2022) लगने की वजह से द्वापर युग में महाभारत के युद्ध से लेकर कुछ दिनों पहले तक लगातार इस तरह की घटनाएं हुई भी हैं.
ज्योतिषाचार्य ने क्या कहा
प्रयागराज की ज्योतिषाचार्य और इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर गुंजन वार्ष्णेय का कहना है कि, यह वैज्ञानिक घटना जरूर हो सकती है, लेकिन पृथ्वी में हलचल ग्रहण की वजह से ही होती है. उनके मुताबिक ग्रहण का असर अभी अगले 3 महीने तक रह सकता है. इस दौरान इसी तरह की कुछ अन्य घटनाएं भी सामने आ सकती हैं. गुंजन वार्ष्णेय का दावा है कि भूकंप से ज्यादा नुकसान इसलिए नहीं हुआ क्योंकि यह खंडग्रास था. पिछले 15 दिनों में पड़ा सूर्य ग्रहण व चंद्र ग्रहण आंशिक ही था.
हो सकती है राजनीतिक उठापटक- ज्योतिषाचार्य
प्रोफेसर गुंजन वार्ष्णेय के मुताबिक अलग-अलग राशियों पर ग्रहण का अलग-अलग तरीके से असर पड़ेगा. हालांकि नकारात्मक असर को कम करने के लिए कुछ उपाय जरूर किए जा सकते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में देश में कुछ राजनीतिक उठापटक हो सकती है. दुनिया में युद्ध की घटनाएं और बढ़ सकती हैं और उद्योग व कारोबार पर भी इसका असर पड़ सकता है. उनका कहना है कि विज्ञान जहां खत्म होता है वहीं से आध्यात्म व ज्योतिष की शुरुआत होती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.