Shamli News: शामली में सरकार पर किसान नेताओं ने लगाया वादाखिलाफी का आरोप, जिलाधिकारी को दिया राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन
Shamli: शामली जनपद में आज भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने खाप चौधरियों के साथ मिलकर राष्ट्रपति के नाम जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. उन्होंने सरकार पर कई बड़े आरोप लगाए हैं.
UP News: शामली (Shamli) जनपद में आज भारतीय किसान यूनियन (Bharatiya Kisan Union) के नेताओं ने खाप चौधरियों के साथ मिलकर राष्ट्रपति (President) के नाम जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन में उन्होंने कृषि बिल (Farm Laws) के धरने के समाप्त होने के बाद कमेटी के द्वारा कार्रवाई किए जाने की जो शर्त रखी थी. उसमें कोई भी कार्रवाई ना होने को लेकर नाराजगी जाहिर की है.
क्या है मामला
कुछ महीने पहले दिल्ली के बॉर्डर पर किसानों के द्वारा कृषि बिल को वापसी लेने को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया था. इसी बीच केंद्र सरकार के द्वारा किसानों के धरना समाप्त करने पर शर्त रखी गई थी कि कमेटी बनाई जाएगी. जिसके बाद मांगों पर विचार-विमर्श हो कर कार्रवाई की जाएगी. जिसको लेकर अभी तक भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है. सरकार द्वारा वादाखिलाफी की बात से नाराज होकर आज भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने धरना प्रदर्शन किया. इसके बाद क्षेत्र के खाप चौधरियों को लेकर राष्ट्रपति को मामले में संज्ञान लेने के लिए एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा.
क्या बोले किसान नेता
जिला अधिकारी के द्वारा राष्ट्रपति के नाम दिए गए ज्ञापन के दौरान भारतीय किसान यूनियन के नेताओं का कहना है कि केंद्र सरकार किसानों का शोषण कर रही है. जहां कृषि बिल वापसी के दौरान शर्त रखी गई थी कि कमेटी बनाकर उस मामले में कार्रवाई होगी. लेकिन महीने बीत जाने के बाद भी ना तो कमेटी बनी और ना ही कोई संतोषजनक कार्रवाई हुई. उसी के अनुसार कोई कार्रवाई ना होने पर भारतीय किसान यूनियन ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है.
क्या बोले जिला अध्यक्ष
भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष का कहना है कि हम इसलिए आए कि सरकार ने समझौता किया था. दिल्ली में 13 महीने जब आंदोलन चला जो लिखित में वादे किए थे. लेकिन अब तक वह वादे पूरे नहीं किए हैं. ना मुकदमों की वापसी भी अपने कमेटी बनी. जो कमेटी बनी थी, जो सुधार के वादे किए थे, वह भी पूरे नहीं किए गए. हमारी मांग है कि जो सरकार ने वादे किए थे उन्हें पूरे किए जाएं एवं एमएसपी पर कमेटी बनी जाए. किसान शहीदों को मुआवजा मिलना था, किसानों पर मुकदमे वापस हो. जो प्रोग्राम के लिए कमेटी बनी थी वह अपने वादे पर खरी नहीं उतरी. अगर सरकार हमारे वादों को पूरा नहीं करती तो एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
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