UP News: श्रावस्ती (Shravasti) में शिक्षा राम भरोसे है क्योंकि यहां पर स्कूलों में अध्यापक पहुंचते ही नहीं हैं. वैसे भी श्रावस्ती में नीति आयोग (NITI Aayog) के हिसाब से यहां की शिक्षा निचले पायदान पर है. उसका साफ नतीजा आज देखने को मिला, जब गांव वालों और बच्चों के अभिभावकों ने अध्यापक के स्कूल ना आने पर मोर्चा खोल दिया.


क्या है मामला
मामला श्रावस्ती जनपद के रामपुर ककरा प्राथमिक विद्यालय का है. जहां पर तैनात प्रधानाध्यापक संतोष कुमार अक्सर स्कूल से गायब रहते हैं. कभी कभार मास्टर साहब स्कूल आते हैं तो पूरे महीने की दस्तखत रजिस्टर पर बनाकर गायब हो जाते हैं. इस स्कूल में डेढ़ सौ से अधिक बच्चे हैं और दो मास्टर तैनात हैं. एक प्रधानाध्यापक तो दूसरा सहायक अध्यापक है. सहायक अध्यापक कभी कक्षा 1 से 2 तक के बच्चों को पढ़ाते हैं तो कभी 4 से 5 तक के बच्चों को. लेकिन प्रधानाध्यापक संतोष कुमार दबंग होने के नाते स्कूल पर अपना रौब जमाये रहते हैं.


क्या है समस्या
आपको बता दें जब यहां के ग्राम प्रधान ने उपस्थिति रजिस्टर देखा तो पता चला कि मास्टर साहब पिछली तीन मार्च को स्कूल में आए थे और चंद ही मिनटों में वापस चले गए थे. तबसे आज तक मास्टर साहब स्कूल में नहीं आये हैं. वहीं फ्री की तनख्वाह लेकर सरकार को चूना लगा रहे हैं. अभिभावकों ने मांग की है कि ऐसे अध्यापक के ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि मास्टर साहब उनके बच्चों के भविष्य में उजाला ना करने के बजाय अध्यापक उनके भविष्य को अंधकार में धकेलने पर लगा है. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि नीति आयोग के अनुसार जहां श्रावस्ती के शिक्षा जीरो पायदान पर हैं और शिक्षा को सुधारने के लिये तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं. वहीं मास्टर साहब सरकार के इस मिशन पर पानी फेरते हुये नजर आ रहे हैं.


क्या कहते हैं अध्यापक
वहीं अध्यापक संतोष कुमार कहते हैं कि स्कूल के जरूरी काम से जिला मुख्यालय गए हुए थे. जिसके चलते रजिस्टर में दस्तखत नहीं हो पाई. लेकिन रजिस्टर तीन मार्च से मास्टर साहब की अनुपस्थिति साफ-साफ दर्शा रहा है. वहीं BSA प्रभु राम चौहान कहते हैं, "क्या ABP गंगा के द्वारा मामला प्रकाश में आया है. त्वरित कार्रवाई करते हुए उनका वेतन रोकते हैं और जांच कराकर कठोर कार्रवाई करेंगे.


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